Book Title: Nishith Sutram
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 534
________________ जे भिक्खू कालियमुयस्स परं तिण्डं पुच्छाणं पुच्छइ पुच्छंत वा साइज्जइ ॥९॥ जे भिक्खू दिहिवायस्स परं सत्तण्डं पुच्छाणं पुच्छइ पुच्छंत वा साइज्जइ ॥१०॥ जे भिक्खू चउसु महामहेस सज्झायं करेइ करेंत वा साइज्जइ । तं जहा-इंदमहे, खंदमहे, जक्खमहे, भूयमहे ॥११॥ जे भिक्खू चउसु महापडिवएसु सज्झायं करेइ करेंतं वा साइज्जइ । त जहामुगिम्हियपाडिवए, आसाढीपाडिवए, आसोईपाडिवए, कत्तियपाडिवए ॥१२॥ जे भिक्खू पोरिसिं सन्झायं उवाइणावेड उवाइणात वा साइज्जइ ॥१३॥ जे भिक्खू चउक्कालं सज्झायं न करेइ न करेंत वा साइज्जइ ॥१४॥ जे भिक्खू असज्झाइए सज्झायं करेइ करने वा साइज्जइ ॥१५॥ जे भिक्खू अपणो असज्झाइए सज्झायं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥१६॥ जे भिक्खू हेठिल्लाइं समोसरणाई अवाएत्ता उवरिल्लाई समोसरणाई वाएइ चाएतं वा साइजइ ॥१७॥ जे भिक्खू णवयंभचेराई अवाएत्ता उवरिमसुयं वाएइ वाएंतं वा सइज्जइ ॥१८॥ जे भिक्खू अपत्तं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥१९॥ जे भिक्खू पत्तं ण वाएइ ण वाएंतं वा साइज्जइ ॥२०॥ जे भिक्खू अन्चत्तं चाएइ वाएतं वा साइज्जइ ॥२१॥ जे भिक्खू वत्तं ण वाएइ ण वाएंतं वा साइज्जइ ॥२२॥ जे भिक्खू दोण्हं सरिसगाणं एक सिक्खावेइ एक्कं न सिक्खावेइ, एक्कं वाएइ एक्कं न चाएइ, एक्कं सिक्खायेंतं एक्कं न सिक्खावेत वा, एक्कं वाएंतं एक्कं ण वाएंतं वा साइज्जइ ॥२३॥ जे भिक्खू आयरियउवज्झाएहि अविदिणं गिरं आइयइ आइयंतं वा साइज्जइ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियं वा गारस्थिय वा वाएइ वाएंत वा साइज्जइ ॥२५॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा पडिच्छइ पडिच्छत वा साइज्जइ ॥२६॥ जे भिक्खू पासत्यं वाएई वाएंतं वा साइज्जइ ॥२७॥ जे भिक्खू पासत्थस्स पडिच्छइ पडिच्छंत वा साइज्जइ ॥२८॥

Loading...

Page Navigation
1 ... 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541