Book Title: Nishith Sutram
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 541
________________ सहेउ सकारण अहीणमइरितं तेण परं अढपंचमा मासा // 43 // ___ अड्ढपंचममासियं परिहारट्ठाणं पट्टविए अणगारे अंतग मासिय परिहारट्टाणं पडि सेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया ओरावणा आइमज्झावमाणे समझे सहेउसकारणं अहीणमइरिगं तेण परं पंच मामा // 4 // पंचमासियं परिहारट्ठाणं पटविए अणगारे अंतग मासियं परिहारट्ठाण पटिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमझायसाणे मनट पहे सकारणं अहीणमहरिनं तेण पर अइहछठा मामा // 45|| __ अद्धछट्ठमासियं परिहारठाणं पठविए अणगारे अंतरा मासिय परिहारठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आत्मज्झावसाणे सअटें सहेउ सकारणं अहीणमइरिनं तेण पर छम्मासा // 46 // // निसीहल्झयणे वीसहमो उद्देमो समतो // 20 // // इति निशीथसूत्रस्य मूलपाठः समाप्तः //

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