Book Title: Nishith Sutram
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 539
________________ दोमासिय परिहारट्ठाण पठविए अणगारे अतरा दोमासियं परिहारट्ठाणं पडिमेंवित्ता आलोएज्जा अहावरा वीसइराइया आरोवणा आइमळावमाणे सदरें सहेउ सकारणं अहीणमइरित्तं तेण परं सवीसहराइया दो मासा ॥२५॥ मासियं परिहारठाणं पट्ठविए अणगारे अंतरा दोमिासियं परिहारट्ठाणं पढिमेवित्ता आलोएज्जा अहावरा वीसराटया आरोवणा आदमज्झावसाणे सभट्टं महेउ सकारणं अहीणमइरितं तेण परं सवीसइराउया दो मासा ॥२६॥ सवीसइराइयं दोमासियं परिहारठाणं पटविए अणगारे अंतग दोमासियं परिहा रट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा वीसहगल्या आरोवणा आइमझावसाणे सअट्ठं सहेउ सकारणं अहीणमइरित्तं तेण परं सदसराइया तिणि मासा ||२७|| सदसगइयं तेमासियं परिहारट्ठाणं पविए अणगारे अंतरा दोमामियं परिहार ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा वीसराइया आरोवणा आउमज्यावयाणे सअट्ठं सहेउ सकारणं अहीणमइरित्तं तेण परं चनारि मासा ॥२८॥ चाउम्मासियं परिहारठाणं पट्टबिए अणगारे अंतरा दोमासिय परिहारट्रठाणं पडि सेवित्ता आलोएज्जा अहावग वीसइराइया आरोवणा आत्मज्यावसाणे सअट्ट सहेउ मकारणं अहीणमइरित्तं तेण परं सवीसहराटया चत्तारि मासा ||२९|| सवीसहराइयं चाउम्मासियं परिहारहाणं पटठविए अगणारे अंतरा दोमापियं परिहारट्ठाणं पडि सेवित्ता आलोएज्जा अहावरा बायडराइया आरोवणा आइमज्यावसाणे सअट महेउ सकारणं अहीणमरित्तं तेण परं सदसराइया पंच मामा ॥३० सदसगइयं पंचमासियं परिहारट्ठाण पट्ठविए अणगारे अंतरा दोमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा वीमइराइया आरोवणा आत्मज्झावमाणे सअहें सहेउ सकारणं अहीणमटरित्तं तेण परं छम्मासा ॥३१॥ __छम्मासिय परिहारट्ठाणं पट्ठविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्यावसाणे असट्ठं सहे सकारण अहीणमइरितं तेण परं दिवड्ढो मासो ॥३२॥ पचमासिय परिहारट्ठाणं पट्ठविए अणगारे अंतरा मासिय परिहारठाणं पडिसे वित्ता आलोएज्जा अहावरा पविखया आरोवणा आइमज्झायमाणे सटें सहेउ सकारणं अहीणमडरित तेण परं दिवड्ढो मासो ॥३३॥ चाउम्मासिय परिहारट्ठाणं पट्ठविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारठाणं पडि मेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आरममावसाणे सअळं महेउ

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