Book Title: Niryukti Sangraha
Author(s): Bhadrabahuswami, Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 13
________________ ४५८ ४५९ w क्रमः विषयः पृष्ठ ।।७।। श्री सुत्रकृताङ्ग सूत्र नियुक्तिः [ग्रं. २६५ ] ४५५ प्रथम श्रुतस्कन्ध नियुक्तिः उपाद्घातनियुक्तिः ४५५ १ प्रथमध्ययन नियुक्तिः ४५८ २ द्वितीयध्ययन " ३ तृतीयध्ययन ४ चतुर्थाध्ययन ४६० ५ पञ्चामाध्ययन " ४६१ ६ षष्ठाध्ययन ४६३ ७ सप्तमाध्ययन ८ अष्टमाध्ययन ९ नवमाध्ययन १० दशमाध्ययन ११ एकादशाध्ययन १२ द्वादशाध्ययन " १३ त्रयोदशाध्ययन , १४ चतुर्दशाध्ययन , ४६७ १५ पञ्चदशाध्ययन , १६ षोडशाध्ययन " ४६८ द्वितीय श्रुतस्कधं नियुक्ति २-१ प्रथमध्ययन नियुक्तिः dka - w w ४६५ ४६७ ४६८ Jain Education International 2010_04 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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