Book Title: Niryukti Panchak
Author(s): Bhadrabahuswami, Mahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 792
________________ ६९४ विक्खेवणी (कथा) त्रिज्जुमती (रानी) विज्जुमाला (रानी) विंझ (शिष्य) त्रिच्छुग ( तिर्यञ्च ) विच्य (विद्या) विजयघोस (मुनि) विट्टि (करण) विणयसुत ( अध्ययन ) विण्डु (देव) विदेह (जनपद) विदेह (वर्णान्तर) विमला (दिशा) विमुत्ति (चूला) वियण (उपकरण) विवित्तचरिया (चूला } विवेगपडिमा (प्रतिमा) विसाहदत्त (व्यक्ति) वीयभय (नगरी) वीरागसु ( अध्ययन ) वौर (तीर्थंकर) दर्शन. १६६, १७०, १७७, १७८ उनि ३३१ उनि ३३१ उनि ९७२ / १० उनि ४८७ ठनि. १७२/८ उनि. ४५९, ४६१, वेत्त (वनस्पति) वेद (ग्रंथ) वेदेह (वर्णान्तर) ४७४४७६ उनि १९०, सूनि. १९ उनि २८ उनि ३०८ उनि २५७, २६४ आनि. २६ आनि. ४३ वीरवर (तीर्थंकर) वोहि (धान्य) वेणइय (दर्शन) वेणव (वर्णान्तर) वैतरणी (परमा धार्मिकदेव ) वेयरणी ( परमाधार्मिकदेव ) वैतालिक (छंद) आनि. ३१०, ३१७ आनि. १६९, १७० दशनि २३ दनि ४६ उनि ३४४ उनि ९५ उनि ४९८ उनि २७७, २७८, सूनि. २५,८५,२०० उनि ४२५ दशनि २२९ सूनि. ११८, ११९ आनि. २६ सूनि ६७ सूनि. ८० सूनि ४० सूनि . १०८ आनि. ११ आनि. २२.२४ भारगिरि (पर्वत) वेय (पर्वत) बेरग्ग ( भावना) वेरुलिय (मणि) वेसमण (इन्द्र) वेहाणस ( मरण) वेहास ( मरण) सर्वाणि (करण) संख (युवराज, मुनि) संख ( तिर्यञ्च ) संजइज्ज (अध्ययन) संजत (राजा) संजतपडिमा (प्रतिमा) संजय (राजा) संभूय (मुनि) संवेणी (कथा) नियुक्तिपंचक उनि . ९२ उनि २८२ आनि. ३५१, ३६१ आनि. ७६ उनि २८५, २८७ उनि २०६, आनि २७३ उनि. २१८ उनि १९१, सूनि . १२ उनि ३१४, ३१५ उनि, १८६, सूनि. ७ उनि . ३८७ उनि. ३८८ दनि. ४१ उनि . ३८८ सक्करा ( पृथ्वीकाय ) सगड (वाहन) सगडाल (मंत्री) मन्त्रणेमि (राजकुमार ) सच्चपवायपुत्र्व (ग्रन्थ) सड्डीय (धान्य) सतपुण्फ (वनस्पति) सत्ति ( शस्त्र) सत्यपरिण्णा (अध्ययन) सपिण्णिय (वनस्पति) सप्प (विद्या) सप्प ( तिर्यञ्च ) उनि ३२२, ३२४ दशनि. १७२, १७३ आनि. ७३ उनि . १८६, सूनि. ७ उनि. १०१ उनि ४४१, ४४२ दशनि. १६ दशनि २२९ उनि - १४७ सूनि ७२ आनि १२, १३, ३१०, ३१२, ३१६ उनि १४६ ठनि. १७२८ दर्शान. ३४, उनि १०३, १०४. ३१८, ३१९, ४६२-६४ दनि. ७३ उनि १५० उनि १२७ उनि . १४६ सप्पावरद्ध (रोग) सप्प (खाद्यपदार्थ) सबरनियंसणिय (वनस्पति)

Loading...

Page Navigation
1 ... 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822