Book Title: Niryukti Panchak
Author(s): Bhadrabahuswami, Mahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati
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परिशिष्ट १३ : वर्गीकृत विशेष नामानुक्रम
सोही (सिंही, वराही विद्या की प्रतिपक्षी)
विशिष्ट मुनि
अहिमार (अभिमार)
एरंड (एरण्ड)
अहालंद (यथालंदक)
आयारधर ( आचारधर )
सव्वक्खरसन्निवाइ {सर्वाक्षरसन्निपाती)
वृक्ष
चूतरुक्ख (आम्रवृक्ष)
चूयपादव (आम्रवृक्ष)
ताल (ताड़)
नालिएर (नारियल)
भद्ददारु (देवदारु)
वंजुल (वझुल) घडपायव (वटवृक्ष) सरल (चीड़)
सिंबल (सिम्बल)
व्यक्ति
अज्जुणय (अर्जुनमाली)
उक्कल (उत्कल)
कंचुग (कंचुक)
कलिंग (कलिंग) गोतम (गौतम नैमित्तिक) दुरूतग (दुरूतग ग्रामीण)
देवदत्त (देवदत्त)
नलदाम (जुलाहा ) परासर (पाराशर कृषक)
बलभद्द (बलभद्र चोर) मरुय (मरुक किसान )
शस्त्र
उनि १७२/९
असि (तलवार)
असिय (तलवार)
असियग (तलवार)
आलित्त (आलित्रक)
दनि. ६२
आनि १०
३१०
उनि १५२
आनि. २४०
उनि . २६८
उनि ३४८
आनि - १३३
आनि. १३३
उनि १४७
दर्शन - १३३
उनि ३३७
आनि. १३३
सूनि. ८१
उनि . १११
आनि. ३२३
उनि ३५२
आनि ३२३
आनि. ३२३
दनि ९४
दशनि. ६०
दशनि - ७७
उनि ११५ उनि - २५१
दनि १०४, १०५
सूनि ७२ दनि. १००
आनि १४९
आनि. ९५
कप्पणी (करवत)
करकय (करवत)
कुद्दाल (कुदाल )
कुहाडि (कुठारी) कोंत (भाला)
चल (क)
तिसूल ( त्रिशूल )
तोमर (भाला)
दत्तिय (दांती )
परसु (परशु )
मंडलग्ग (मण्डलाग्र )
मुग्गर ( मुद्गर )
बासि (बसौला)
सत्ति (शक्ति, सांग)
सूइय (सूई)
सूल (शूल)
श्रमणोपासक
खंडरक्खा (खंडरक्षा ) गंधार (गान्धार)
ढंक (ढंक)
मितसिरी (मित्र श्री )
सुनन्द (सुनन्द )
कुरुदत्त (कुरुदत्त)
तावस (तापस)
दारुय (दारुक)
धण (धन)
धणगिरि (धनगिरि) धणदेव ( धनदेव )
पज्जुण्ण (प्रद्युम्न)
वसुमित्त (वसुमित्र )
श्रेष्ठी
सागरदत्त (सागरदत्त )
सालिभद (शालिभद्र)
सिंधुदत्त (सिन्धुदत्त)
सिंधुसेण (सिंधुसेन)
७११
आनि . १४९
सूनि. ८९
आनिं. ९५
आनि. १४९
सूनि ७२
उनि ९६१
सूनि ७२
सूनि ७२
आनि. १४९
उनि . ३७०
सूनि. ५१
उनि.८८
आनि. १४९
सूनि ७२
सूनि ७२
सूनि ७२
उनि . १७२/५
उनि ९५ उनि. १७२/२
उनि १७२/३ उनि १९८
उनि १०८
उनि १००
उनि ३३३, ३५१
उनि २४६, दनि. १०८
उनि . २८८ उनि ३३३
उनि ३५२
उनि ३३३
उनि ३३३
उनि २४६
उनि ३३४
उनि . ३३४

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