Book Title: Niryukti Panchak
Author(s): Bhadrabahuswami, Mahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 791
________________ परिशिष्ट १२ : विशेष नामानुक्रम रुद्दपुर (नगर) उनि.३४४ रुद्दसोमा (व्यक्ति) उनि.९७ रुप्य (पृथ्वीकाय) आनि.७३ रुयग (मणि) आनि.७५ रूविणी (सार्थवाह-पत्नी) उनि.४३१, ४३२ रोह (परमाधार्मिक देव) सूनि.६६ रोहगुत्त (शिष्य) उनि. १७२/७ रोहगुत्त (मंत्री) आनि. २२८ लच्छिघर (चैत्य) उनि.१७२५ लवण (समुद्र) आनि. ५० लाउयपात (अलाबुपात्र) दनि.११८ लोगसार (अध्ययन) आनि. २३९ लोणथ्योकाय, अति ३ लोम (आहार) सूनि.१७१, १७२ लोहि (उपकरण) सूनि.७८. लोहियख (मणि) आनि.७५ वार (रत्न) आनि.७३, २४० वइर (आचार्य) आनि.२८३ वइरक्खमण (आचार्य) उनि.९८ वंजुल (वनस्पति) दशनि.१३३ वंस (वनस्पति) दनि.१०३ वंसीपासाय (भवन) उनि. ३३६ वक्कसुद्धि (अध्ययन) दशनि: १६ वग्गु (विमान) उनि.२८८ वागुमती (महिला) आनि.३२३ बग्घ (तिर्थञ्च) उनि.१०३,२२८ वग्धी (विद्या) उनि. १७२.९ वच्छो (रानी) उनि. ३३२ वट्ट (संस्थान) उनि.३८ वडथलग (नगर) उनि.३४० वडपायव (वृक्ष) उनि.३३७ वडपुरग (नगर) उनि. ३४० वडपुरय (नगर) उनि.३४१ वडकुमारी (महिला) दशनि. ५८ वणराइ (रानी) उनि.३३४ वणिय (करण) नि.१९०, सूनि.११ वद्धमाण (तीर्थकर ) आनि. २९६, उनि, ५१९, दनि.११५ वयम्गाम (ग्राम) उनि.३६३ वयरोसभ (संहनन) उनि.४०४ वरग (मंत्री) दनि. १०६ वरधणु (मंत्री) उनि.३३०, ३३७ वरधणुग (मंत्री) उनि. ३३७ वररुई (व्यक्ति) उनि. १०१ वराहो (विद्या) उनि.१७२४८ वलय (आभूषण) उनि.२५८, २६७ मरण (मरण) उनि. २०५, २१० ववहार (ग्रन्थ) दर्शन. १६७. दनि.१,४७ वसट्टमरण (मरण) उनि. २०५, २१० वसभ (तिर्यञ्च) उनि. २५८, २६०, २६१ वसह (तिर्यन) उनि.२५९, २६५ वसु (आचार्य) उनि. १७२१३ वसुमित्त (वणिक) उनि.३३३ वाउ (दिव्यशस्त्र) वाघातिममरण (मरण) आनि. २८५ वाणारसी (नगरी) उनि.३१७, ३४०, ४६०, ४६८ वाणीरा (रानी) उनि. ३३४ वायव्या (दिशा) आनि.४३ वायस (तिर्यच) उनि.१३५ वारिभद्दग (दार्शनिक) सूनि.९० वारुण (दिव्यशस्त्र) सूनि.९८ वारुणी (दिशा) आनि.४३ वालु (परमाधार्मिक देव) सूनि.६७ वालूग (परमाधार्मिक देव) सूनि.७९ वासवदत्ता (राजकुमारी) उनि. १४८ वासि (शस्त्र) आनि.१४९ वासिट्ठा (पुरोहित-पत्नी) उनि. ३५९, ३६६ सूनि. ९८

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