Book Title: Nirvan Upnishad Author(s): Osho Rajnish Publisher: Rebel Publishing House Puna View full book textPage 294
________________ निर्वाण उपनिषद में आंख अगर अपने आप बंद न रहे, तो ठीक नहीं। पट्टी का सहारा आखिरी दिन छोड़ देना है। आंख पर पट्टी नहीं बांधनी, अलग रख दें पट्टी तो भी चलेगा। दूर-दूर फैल जाएं। आज तो बहुत गति आएगी, इसलिए फासले पर हो जाएं। शुरू करें! 7284Page Navigation
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