Book Title: Nirayavalikasutram Author(s): Ghasilal Maharaj Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti View full book textPage 4
________________ कुमाङ्क विषय ३० दोहदकी पूर्ति करने के विषयमें श्रेणिकराजका वर्णन ९५-१०४ ३१ दोहद पूर्ति के पीछे गर्भधारण विषयमें चेल्लनादेवीका वर्णन १०५-१०७ ३२ कूणिकराज के जन्मका और कुमारको निर्जनस्थलमें छोडनेका चेल्लनादेवीकी आज्ञा और श्रेणिकराजाका उपालम्भका वर्णन १०७-११२ ३३ कणिकके त्यागादि और नामकरणका वर्णन ११२-११५ ३४ श्रेणिकका बन्धन और कूणिकके राज्याभिषेकका वर्णन ११६-११८ ३५ श्रेणिकराज के वात्सल्यता परिचयका वर्णन ११९-१२० ३६ श्रेणिकरानके मरणादिका वर्णन १२०-१२८ ३७ कूणिकराज, श्रेणिकराजके मारण के कारणहोने का वर्णन १२९-१३५ ३८ वैहल्यकुमारकी गन्धहस्तीसे क्रीडा १३६-१४४ ३९ चेटकराज और कूणिकराजका दूत द्वारा संवाद १४५-१५६ ४० कूणिककी कालादि कुमारों से मंत्रणा १५७-१६२ ४१ कौटुम्बिक पुरुषोंसे कूणिक राजकी आज्ञा १६२-१६४ ४२ कणिक और चेटकके युद्धोद्योगका वर्णन १६५-१७२ ४३ मुकालकुमारका वर्णन १७६-१७८ ४४ पद्मकुमारका वर्णन १७८-१८२ ४५ पद्मअनगारका वर्णन १८२-१८५ ४६ भद्रकुमारादि आठ कुमारोंका वर्णन और भद्रादि देवोंकी स्थिति १८६-१९१ '४७ चन्द्रदेवके पूर्वभवका वर्णन १९२-१९४ ४८ चन्द्रदेवका वर्णन १९५-१९८ ४१ अङ्गति गाथापतिका वर्णन १९९-२३२ ५० सोमिल ब्राह्मणका वर्णन २३३-२५६ ५१ बहुपुत्रिका देवीका वर्णन २५७-३१४ ५२ पूर्णभद्रदेवका वर्णन ३१४-३१९ ५३ मणिभद्रदेवका वर्णन ३२०-३२२ ५४ श्रीदेवीका वर्णन ३२३-३३९ ५५ निषधकुमारका वर्णन ३४०-३६८ ५६ मायानि आदिका वर्णन ३६९-३७० ५७ शास्त्रमशस्ति ३७१-३७४Page Navigation
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