Book Title: Navyuga Nirmata
Author(s): Vijayvallabhsuri
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 2
________________ * श्री वीतरागाय नमः नवयुग निर्माता (न्यायाम्भोनिधि श्री विजयानन्द सूरि श्री आत्मारामजी महाराज की जीवन गाथा ) लेखक: -: अज्ञान - तिमिर - तरणि, कलिकाल - कल्पतरु, पंजाब केसरी, युगवीर अचार्य :-- श्री विजय वल्लभसूरीश्वर जी महाराज प्रति १००० - Jain Education International सम्पादक:"हँसराज जी शास्त्री — प्रकाशकः श्री आत्मानन्द जेन महासभा पंजाब अम्बाला शहर ( पंजाब ) मुद्रक: पं० ईश्वरलाल जैन स्नातक आनन्द प्रिंटिंग प्रेस, गोपालजी का रास्ता, जयपुर । वीर सम्वत् २४८२ आत्म सम्वत् ६० विक्रम सम्वत् २०१३ For Private & Personal Use Only | मूल्य www.jainelibrary.org

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