Book Title: Navsadbhava Padartha Nirnay Author(s): Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 208
________________ पत्र | पंक्ति ' अशुद्ध शुद्ध o non किई मिन्हो तेवीश कि जिनहों तैबीस आउषो जीव छेदेकः स्वयम्भः सह शरीरणति जीव s छेदकः स्वयम्भुः सह शरीरेणेति a to जुवानाम उपसमियां । छद्मस्थ . e ८ o n त्वचा वा नाम उपस्मीयां छदमस्थ शरि दृव्यतः ढालते दृव्यरा भगवति द्रव्यतः ढाल n o es । द्रव्यस भगवती in इन्द्रीयों सुधीर इन्द्रियों शूरवीर .. amPage Navigation
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