Book Title: Navsadbhava Padartha Nirnay
Author(s):
Publisher: ZZZ Unknown
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* श्री. *
शुद्धाशुद्धपत्रम्।
भा
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पत्र | पंक्ति
अशुद्धं
शुद्धं
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वस्त्राभर्ण स्त्रियादि अन्तरगत सतगुरुयों का हरागण एकान्न
| वस्त्राभरण . स्त्री आदि . अन्तर्गत सद्गुरुओं का हरगिज । एकोन्त :
चतुति प्ररूपित सद्गुरुत्रों का
चतुरगति प्ररूपिता सदरोगु का शुत्र तीर्थंकरोन 'স্য दसमा
श्रुत
तीर्थहरो ने प्राणं
दशमा
उन्नाध्ययन
उनमई
उत्तराध्ययन | उन्मत्त
अपधारियों
१० । भेषधारीयों
onliAN
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