Book Title: Navsadbhava Padartha Nirnay
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 214
________________ NAR F 'पत्र प्रशुद्ध कृया निया सवर न . are RB 1 संवर सेवणा निष्फल वाहय श्राभ्यन्तर सत्कार श्रत निर्वाण लघुसंसारी or enter or * *:-v2poroorprn sax क्षण सेयणा निःफल वार्य श्रभ्यन्तर सत्कार भारत निरवाण लघूसंसारी क्षिण बुधानुसार प्राक्रमी श्राछादित , ऊंणयत स्वतहः निम्परिग्रही प्रातमीक औपमा श्रातीक पुदगलीक आत्मीक इन्ह | प्रातमीक बुद्ध्यानुसार पराक्रमी श्राच्छादित . ऊंणायत . स्वतः निष्परग्रही आत्मिक उपमा आत्मिक पुगलिक आत्मिक. श्रामिक

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