Book Title: Nammala
Author(s): Dhananjay Mahakavi, Shambhunath Tripathi
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 128
________________ धनञ्जय-नाममाला शब्द प्रम श्लोक श्लोक । शब्द मैत्री मंसिक १६२ २९ ४७ ७८ पृष्ठ श्लोक | शब्द ९१ १९७ । रक्षस् १९७ रजत १२. सनी १८६ रजस् । ४ रण रत्नाकर मार्ग मार्गण मातगड माला माल्य मिलंगम मित्र र ११९ m " मौण्ड्य मीक्निक मौर्वी मित्रयुक् ३७ मिहिर मीन यज्ञारि यति रन्न रमण रमणी रमणीय रम्य मीनाकर वन्त मुख यम त्रि मुग्ध मुग्धा मुक्ता रश्मि यमजनक यमल यमुनाजनक यशस् यातुधान २७ __५१ | रसना यस्थ मधा मुनि सात रहस् रहस्य राग १७५ मुरसूदन मुहुः मक मूर्ख मूद मुति भूर्द्धन याथ यादम् युक्त राजन् ७१ युग ४८ यगल राजयक्ष्मन् राजराज राजसूय रात्रिचर रात्रिजागर ११२ युग्म मृग युन रामा मृगनाभिजा मुगांक मृगन्द्र युधिष्टिर युवति योगिन १७८ मृत योम्बा मोषा रुचिर हचि मृत्यु मदु मृषा रुच्य योषित् यौवन यावनिक मेखला १२३ रुधिर १८८ रु १७२ २८ १७ मेघपथ मेदिनी मेघावी रूपाजीवा रूप्य २४ रक्त १८८

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