Book Title: Mumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Author(s): Jain Shwetambar Conference Office
Publisher: Jain Shwetambar Conference Office

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Page 10
________________ नी हाजरी एक रीते वीज अर्थसुचक छे एम मानीएतो कांई खोटुं कहेवाशे नहीं; अने जो ते प्रमाणे दिनपरदिन आपणी स्त्रीओ विशेष संख्यामां आपणी कॉन्फरन्समां भाग लेतां शीखे, तो आपणामां स्त्री केळवणीनो विशेष प्रचार थतो जाय छे एम सहज समजी शकाय, अने आपणी अभ्युदयनो दिवस नजीक आवतो लेखी शकाय. वळी कॉन्फरन्सना केटलाएक हेतुओ तो एवा छे के जे पुरुषो करतां जो स्त्रीओ धारे तो वधु सहेलाईथी पार पाडी शके, अने तेथी जो सीओ आपणी आ हीलचालमां भाग ले तो विशेष लाभदायक थई पडवानो संभव छे. आ संबंधमां अमारी पवित्र बहेनोने हवे पछीनी कॉन्फरन्सनी बेठकोमा हाजरी आपी कॉन्फरसनी हीलचालमा पुर्ण रीते भाग लेवा नम्र विनंति छे. आ रीपोर्टमां रीसेप्शन कमीटीना रीपोर्ट उपरांत तेना अंगे कार्यनी बहेंचणी सारं नीमवामां आवेली जुदी जुदी सात कमीटीओना रीपोर्ट पण दाखल करवामां आव्या छ; आ सब कमीटीओना रीपोर्ट दाखल करवानी रीपोर्ट कमीटीनी मतलब ए छे के, कोईपण स्थळे कॉन्फरन्स मेळववा सारं केवा धोरणे काम करवानी जरूर छे ते सहेलाईथी समजी शकाय, तेमज अत्रेनी कमीटीओए केवी रीते पोतानुं कार्य संपुर्ण रीते पार पाड्यु हतुं ते पण जाई शकाय. वळी आ रीपोर्टमां जुदां जुदां स्थळोएथी कॉन्फरन्सना डेलीगेटो तरीके आवला गृहस्थोनां गामवार नामो, तेमज जुदां जुदां खातांओमां नाणां भरनार गृहस्थोनां नामो पण आप. वामां आव्यां छे. टुंकमां आ रिपोर्ट एवी रीते तैयार करवामां आव्यो छे के, कॉन्फरन्सनी बेठकोना हेवाल अने रीसेप्शन कमीटीना रिपोर्ट उपरांत जुदां जुदा स्थळोना कॉन्फरन्स प्रत्ये दीलसोजी धरावनारा गृहस्थोनां नामो अने कॉन्फरन्स मेळववा माटे जोईती सामग्री तथा कार्य करवानी पद्धति विगेरेनो तेमा समावेश करवामां आव्यो छे अने तेथी रीपोर्ट कमीटी उमेद राखेछे के अन्य स्थळना जैनबंधुओने ते उपयोगी थई पडशे. छेवटमां आ रीपोर्टमां नजरदोषथी कदाचित कोई भूल रही गई होय तो, ते सधारीने वांचवा वांचकवर्गने विनंती छे. आ रीपोर्ट चीफ सेक्रेटरी स्वर्गस्थ शेठ फकीरचंद प्रेमचंदना हाथे प्रगट थवानो हतो, अने जो तेम थयु होत तो आ कॉन्फरन्स अंगे जुदी जुदी कमीटीना सेक्रेटरीओए तथा बीजा गृहस्थोए मजकुर शेठ फकीरचंदने फंड भराववामां अने बीजां कार्योमा जे किंमती मदद करी हती, ते माटे तेओ लंबाणथी उपकार मान्या वगर रहेत नहीं, अने आq उपकार माननारु लखाण तेओए करेलु हतुं ते अमारा जाणवामां छे; पण ते हाथ न आव्याथी तेमांनी मतलब उपर ध्यान राखी अने जे जे गृहस्थोए कॉन्फरन्सने फतेहमंदीथी पार उतारवामां खरा तन मन अने. धन्थी रात्रदिन प्रयास करी मदद करी हती, तेमनो आ तके शेठ फफीरचंदनी वती उपकार मानीने आ प्रस्तावना समाप्त करीए छीए. ला. श्री संघना सेवको, माणेकलाल घहेलाभाई झवेरी, अमरचंद पी. परमार, श्री जैन कॉन्फरन्स ऑफीस, मुंबई. प्रेमचंद वीरपाळ, ता. १६-११-१९०४. मोहनलाल चुनालाल दलाल, बी. ए. रीपोर्ट कमीटी. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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