Book Title: Mumbai Ke Jain Mandir
Author(s): Bhanvarlal M Jain
Publisher: Gyan Pracharak Mandal

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Page 416
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३२६ मुंबई के जैन मन्दिर गोत्रे आचार्य भक्त जिन धर्मपरायण श्रेष्ठी मोतीचन्द डगरचन्द म्हसवडकर भार्या सौ. धोडंबाई यांसे स्मरणार्थ सुपुत्र माणिकचन्द दोशी के परिवार वालोने श्री भरतजी महाराज का बिम्ब प्रतिष्ठित किया था। चन्द्रप्रभ जिनालय :- श्री १००८ चन्द्रप्रभ जिनालय एवं वेदी का निर्माण पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं महामस्तकाभिषेक ईसवी सन् १९९५ के प्रसंग पर फलटन (महाराष्ट्र) निवासी हाल वरली मुबंई मंत्रेश्वर गोत्रीय श्रीमान सरदार चन्दुलाल हिराचन्द शाह धर्मपत्नी श्रीमती जिनमती पुत्र अमोल, मिलिन्द, डॉ. अभ्युदय, पुत्री बीना, मधु एवं पुत्रवधू सरिता एवं मनोज आदि शाह परिवार ने करवाया ता. १३-५-१९९५ बुधवार को। मानस्तंभ :- किशोर दर्शनलाल गायत्रीदेवी जैन सह परिवार जैन सन्स मुंबईवालोने पूर्व दिशा की दोनो मूर्ति सहित मान स्तम्भ निर्माण करवाया ता. ११-२-१९८७ को । श्री जिवराज खुशालचन्द गांधी 'कुर्ला' ने एक तरफ का पुरा भाग एवं मूर्तिया बिराजमान की हैं। स्व. मथुरादास मुन्नालाल सौ कमलादेवी की स्मृति में पुत्र ज्ञानचन्द मुंबईवालोने चंद्रप्रभ बिंब निर्माण कर बिराजित किया। श्री धर्मचन्द केदारनाथ भा. सा. बिनेश पुत्र मुकेश रवि पुत्री नीना पटोदी मुंबई वालोने श्री शीतलनाथ जिनबिम्ब बिराजित किया। १०८ आचार्य श्री नेमिसागरजी महाराज की छत्री :- चारित्र चूडामणि श्री १०८ आचार्य श्री नेमि सागरजी म. की छत्री श्रीमती कुसुमबाई फुलचन्दजी पुत्र श्री राकेश कुमार एवं चाचा श्री शिखरचन्दजी जैन भिड नि. रामवीर कं. मुंबई वालो ने बनवाई वि. सं. २०३८ का श्रावण सुदि ५, रविवार, ता. २८-२-१९८२ ई. को । बीसवी शताब्दी के प्रथमाचार्य, युगप्रवर्तक आचार्य श्री शान्तिसागरजी महाराज के पट्ट शिष्य १०८ आ. श्री नेमि सागरजी म. की प्रतिमा कोसीकला निवासी हाल बोरिवली मुंबई कपुरचन्द चिन्तामणि तत्पुत्र विजयकुमार, सुभाषचन्द्र, माणिकचन्द, देवेन्द्र, अशोक, सन्तोष ने स्थापित कराई। यात्रियो के लिये त्रिमूर्ति मन्दिर जाने का सरल मार्ग :- कृपया आप बोरिवली (पूर्व) रेलवे स्टेशन से २९८ नं. बस में बैठकर या रीक्षा से टाटा बीज संग्रणीय केन्द्र लास्ट बस स्टोप पर उतर जाइये, वहाँ से देवीपाडा होते हुए मन्दिर के द्वार पर पहुँच जाईये । नेशनल पार्क के अन्दर की सडक से आने पर आपको कुछ लम्बाई महसुस होगी। For Private and Personal Use Only

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