Book Title: Mudrit Jain Swetamber Granth Namawali
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 360
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन] २५५ [ ज्ञाता ,, ब. , श्रीमद विज्यानंदसूरि हिन्दी रु. ०-२-० (४८) ७५६ अ. जैन इतिहास भाग १-२ रु. ०-१-० दरेकनो (४८) ८२८ अ. जैनधर्मकी अनेकान्तात्मिकता हिन्दी रु..-०-९ (४८) ८३० अ. जैनधर्मके सिद्धान्त हिन्दी रु. ०-०-६ (४८) ८७७ अ. जैनफीलोसोफी हिन्दी रु. ०-०-९ (४८) ८८२ अ. जैनभक्ति आदर्श हिन्दी रु. ०-०-६ (४८) ८९० अ. जैनमतसार तथा हिन्दु मतसार उर्दु रु. ०-२-९(४८) ८३० ब. जैनधर्मको अहिंसातत्व हिन्दी रु. ०-१-० (६) ८९६ अ. जैन मेघदुत रु. २-०-० पत्र १७६ सं. १९८० (१७) •८९८ अ. जैन रामाशण हिन्दी रु. ३-०-० (४८) ९११ अ. जैनवार्तिक वृत्ति सहित काशी रु. १-१२-० (८४४). ९१६ अ. जैन विविध ढाळ संग्रह हिन्दी रु. ०-८-० (६) ९२७ अ. जैन शिक्षणमाला पहेली चोपडी गु. ०-४-० (६) ,, ब.. , बीजी चोपडी ,, ०-६-० (६) ९६० अ. जैन सुबोध भक्तिमाला गु. रु. ०-५-० (६) ९७० अ. जैन स्त्री रत्नो गु. रु. १-०-० (६) ९७२ अ. जैन स्तुति चरित्र गु. रु. ०-८-० (६) १०१४ अ. जंबुद्वीप प्रज्ञप्ति, शान्तिचंद्र बाचकेन्द्र विहित विवरण. रु. २५-०-० (८४४) ३०४५ ज्ञाताधर्मकथाङ्गम् अभयदेवसूरिसूत्रित विवरण युक्त. रु. १-१२-० (२८, १६) , बालाव बोध, (५०) बाबुवाल. " " सटीक. (५०) ३०४६ ज्ञाताधर्मकथा. (२४, १२) For Private And Personal Use Only

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