Book Title: Mudrit Jain Swetamber Granth Namawali
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 369
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org सप्तव्यसन ] २६४ [ सुमति "" क. सप्तव्यसन निषेध हिन्दी रू००-४-० (६) २६७२ अ. समाजके अध: पतनके कारण और उन्नतिके उपाय हिन्दी रु. ०-२-० (४८) २६७९ अ. समाधिशतक हिन्दी रु. ०-२-० ܕ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir " ब. समुचित शिक्षा १ ला भाग ( ब्रह्मचर्य ) हिन्दी रु. ०-१-० (४८) २६८१ अ. समेदशीखरजीनो प्रवास गु. रु. ०-२-३ (६) २७०५ अ. सरस्वती विगेरेनी कथा रु. ०-४-० (६) २७१४ अ. साची टेकनी गेबी फतेह अथवा ( कान्हड कठीआरो) गु. रु. ०–१२–० (६) २७३५ अ. सामायकसूत्र अर्थ साथै हिन्दी रु. ०-३-० (६) २७६० अ. सिद्धसेनदीवाकरसूरि याने विक्रमना समयनुं हिन्द पाकु बाइन्डींग पृ. ३०४ रु. १-८-० (३६९) २७७६ अ. सिद्धाचळ संघ प्रयाण तथा गहुलीसंग्रह रु. ०-४-० रु. १-८-० (६) २७९० अ. सीमंधर स्वामी विनतिरुप सज्जायो गु. रु.०-२-० (६) २७९७ अ. सुक्तमुक्तावली विगेरे शास्त्री रु. ०-१०-० (६) २८०६ अ. सुखा हुवा चमन कैसे हरा हो सक्ता है (हम और हमारा फर्ज ) उर्दू रु. ० - १-६ (४८) २८१५ अ. सुंदर राजानी सुंदर भावनाओ याने शीलसत्वनी क सोटी मनहर विजयकृत रु. १-०-० ( विद्याशाळा अमदावाद ) ब. सुंदर विलास हिन्दी रु. ०-२० (४८) उर्दू रु. ०-१-६ (४८) क. " " २८४२ अ. सुमति स्तवन संग्रह हिन्दी रु. ०-६-० (६) For Private And Personal Use Only

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