Book Title: Mudrit Jain Swetamber Granth Namawali
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal
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कन्या 1
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३२७ अ. कन्या एजन्सीका व्यापार ६०-१-० (४८) ३५५ अ. कलावती विगरेनी कथा रु०-३-० (६) ३४४ अ. कर्मग्रंथ चोथो हिन्दी रु. २-०-० (६)
[ क्षमा
17
ब. कर्मग्रंथ भाग १ लो. गु. रु००-८-० (६) ३४८ अ. कर्मविचार गु. रु० ०-४-० (६) ३५६ अ. कलीयुगियोंकी कुलदेवी हिन्दी ६००-०-९ (४८) ३५८ अ. कल्पसूत्र मूळ श्री भद्रबाहु स्वामि विरचित.
Edited with an historial introduction notes and a Prakrit glossary by H, Jacobi 1879 Germany 10-0-0.
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३६० अ. कल्पसूत्र सुबोधिका संस्कृत रु. २-०-० (६) ३९९ अ. कीरणावली भेटनी पत्र २०५ सं. १९७८ (१७) ४०४ अ. कुमारपाल चरित्र पृ. २०० रु.१-४-० (३६९) ४०८ अ. कुमारपालमहाराजा ने हेमचंद्राचार्य रु. १-४-० (६) ४२२ अ. केवळ ज्ञान पहेला भाग उर्दू. रु. ०-१-० (४८) ४२३ अ. केशीमुनि अने परदेशीराजा पृ० १०० रु ०-६-० ( ३६९ )
४२७ अ. कोल सप्ततिका रु० ०-१-६ पत्र ८ सं. १९६८ (१७) क्ष. ३०३६ क्षत्र चूडामणि काव्य संस्कृत रु. १-०-० ३०३७ क्षमाकुलकादि संग्रह. रु.०-३-० (३)
१ क्षमाकुळक
२ इन्द्रिय विकार निरोध कुलक.
३ अध्यात्म बावनी.
४ पुद्गळ गीता. ५ हितशिक्षा छत्रीशी.

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