Book Title: Mitranand Mantri Charitram
Author(s): Vardhamansuri, Hiralal Hansraj
Publisher: Hiralal Hansraj

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Page 3
________________ >+ मित्रानंद ॥ श्रीजिनाय नमः ॥ + ॥श्रीमित्रानंदचरित्रम्॥ EXA4% +Care (कर्ता-श्रीवर्धमानसूरि) भाषांतरकर्ता तथा छपावी प्रसिद्ध करनार–पण्डित श्रावक हीरालाल हंसराज (जामनगरवाला) AA -% कुव्यावृतीनां स्नानादेस्त्यागो ब्रह्मव्रतं तपः। आहुः शिक्षाव्रतमिदं तृतीयं पौषधाभिधम्॥१॥ अर्थः-कनिष्ट व्यापारोनो, तथा स्नान आदिकनो त्याग ब्रह्मचर्यव्रत, पालन, तथा तप, तेने पोषधनामनुं त्रीजु शिक्षाबत कहेलुं छे ॥१॥ तत्तु शुद्धोक्तचारित्रिव्रतवत्परिपाल्यते । अहोरात्रमथाशेषां रात्रि यावजितेन्द्रियैः ॥ २ ॥ C4

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