Book Title: Mantradhikar
Author(s): Ahmedabad Vidyashala
Publisher: Ahmedabad Vidyashala
View full book text
________________
५
भेदनिचे वय काय ना''
भैया' खलु वाखुका यस्स ! हवनस्पती नावेद || साधारण श्ले के साहारा 'पत्रे ॥
वनस्पतीना 'जीव' बैंकारे सरेका ' वसई जीवा' हा सुभ लिया। जेमनेंन ताजी व शरीर' जेसिमलताल'तपू
एक होय' साधारण ते हनें कही एगा' साहारा तेऊन सुरगादी कंद उगता सलमान वाफाल नीऊ एलोएत्र
कंदा कर किसलय् ॥ पंचवली फुलल से दाल' बीला मी ना सदालो टोप
माय् ॥

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 288