Book Title: Mahavira Jayanti Smarika 1975 Author(s): Bhanvarlal Polyaka Publisher: Rajasthan Jain Sabha Jaipur View full book textPage 9
________________ रक्षा उत्पादन मंत्री, भारत MINISTER OF DEFENCE PRODUCTION, INDIA नई दिल्ली अक्टूबर 07, 1975 सन्देश मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि राजस्थान प्रा० भगवान महावीर 2500वां परिनिर्वाण महासमिति भगवान महावीर के निरिण वर्ष के अवसर पर एक स्मारिका प्रकाशित करने की योजना बनाई है । अहिंसा के प्रवर्तक भगवान महावीर भारतीय चिंतन एवं वेदान्त के एक उज्ज्वल नक्षत्र के समान दैदीप्यमान थे। उन्होंने मानव जाति को कर्तव्यपथ पर अग्रसर होने का जो दिव्य संदेश दिया उससे मानव जाति सदैव कृतज्ञ रहेगी। मुझे आशा है कि स्मारिका में भगवान महावीर के उपदेशों तथा सिद्धान्तों पर उपयोगी लेखादि संकलित किये जायेंगे जिससे मानव जाति को प्रेरणा एवं मार्गदर्शन मिल सके । प्रायोजन की सफलता के लिये हार्दिक शुभ कामनाएं। (रामविकास निधी) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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