Book Title: Mahavira Jayanti Smarika 1975
Author(s): Bhanvarlal Polyaka
Publisher: Rajasthan Jain Sabha Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ मुख्य मंत्री मध्य प्रदेश मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि राजस्थान भगवान महावीर २५००वां निर्वाण महोत्सव समिति ने निर्वाण महोत्सव के अन्तिम दिन एक वृहत स्मारिका प्रकाशित करने का निश्चय किया है। भगवान महावीर एक युग पुरुष थे। उन्होंने मानवता को “जियो और जीने दो" का सिद्धान्त दिया और मानव कल्याण के लिए सत्य और अहिंसा के सिद्धान्त के पालन पर बल दिया। मैं आशा करता हूं कि सभी लोग भगवान महावीर द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर देश के चहुँमुखी विकास और देश में . सुख एवं शांति स्थापित करने में अपना महत्वपूर्ण योग देंगे। . स्मारिका में भगवान महावीर के संपूर्ण जीवन की झांकी और जनता के लिये उनके उपदेशों की पूर्ण जानकारी संकलित होगी, ऐसी मुझे आशा है। मैं स्मारिका के सफल प्रकाशन की हृदय से कामना करता हूं। (प्रकाशचन्द सेठी) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 446