Book Title: Mahavira Jayanti Smarika 1975
Author(s): Bhanvarlal Polyaka
Publisher: Rajasthan Jain Sabha Jaipur

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Page 12
________________ CHIEF MINISTER, HARYANA CHANDIGARH सन्देश भारत की धरती ऋषियों-मुनियों तथा अवतारों की धरती है। महापुरुषों ने जहां यात्मिक-शांति का मार्ग दिखलाया वहां मानव-मात्र के कल्याण-कार्यों के करने पर बल दिया। भगवान् महाबीर स्वामी अहिंसा तथा क्षमा के अवतार थे। उनका जीवन दर्शन विश्व में भाई-चारे व मैत्री और प्रेम की भावना फैलाने के लिए एक प्रकाश-पुज का काम कर रहा है। सदियों से हर मनुस्य उन के उपदेशों से आध्यात्मिक शान्ति व अहिंसा की प्रेरणा प्राप्त करता रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने उनके अहिंसा के दिखाए हुए मार्ग को अपनाकर हो देश के लिए आजादी प्राप्त की। भगवान् महावीर स्वामी जी के पच्चीसवें निर्वाण शताब्दी वर्ष में उन्हें हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही है कि हम उन के दिखाए हुए रास्ते पर चलें और विश्व में नफरत, वैर-विरोध तथा ऊंच-नीच के वातावरण को खत्म कर प्रेम, अहिंसा तथा भ्रातृभावों का प्रसार करें। मैं आप की स्मारिका के प्रकाशन की सफलता की कामना करता हूं। मंगल-कामनाओं सहित, (बंसीलाल) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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