Book Title: Mahavira Bhagavana
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Digambar Jain Pustakalay

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Page 306
________________ भगवान महावीर । यह भगवान महावीर और उनके सिद्धांतोंके विषय में कहे हुए स्वयं महात्मा बुद्धंके वाक्य हैं । इनसे यह भली भांति सिद्ध हो जाता है कि म०' बुद्ध भगवान महावीरके सिद्धांतोंका कैसा आदर करते थे। उन्होंने न केवल निर्मन्थोंके सिद्धांतोंको, सुना ही था, किंतु उनमें अपनी रुचि और 'अनुमति भी प्रकट की थी और भगवान महावीरकी सर्वज्ञताके विषयमें जो कुछ उन्होंने सुना उसे, बड़े भावसे अपने शिष्यों को भी सुनाया । अतः इस बात में 'कुछ भी संदेह नहीं रहनाता' कि भगवान 'महावीरके जीवित कालमै 'ही 4 " " उनकी ' सर्वज्ञता पर न केवल उनके अनुयायियोंको ही पूर्ण विश्वास था वरन् एक दूसरे धर्मके 'प्रणेता और उनके 'शिष्यगणों पर भी उनका प्रभाव अवश्य पड़ गया था । ? हीरालाल जैन एम० ए० एल० एल० बी०

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