Book Title: Mahavira Bhagavana
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Digambar Jain Pustakalay

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Page 308
________________ भगवान महावीर। १२ १२ मुमति समति १२२ . . सतोषका परिणाम al परिणाम भाप अन जैन धर्मानुयायी भापजैनधर्मानुयायी ૧૨૭ ૧૯ जनाचार्य जैनाचार्य १४९ १५ राज्याधिकारी राज्याधिकारी हुआ राजा राज्याषिगरी १६३२ मत वृक्ष , हो जाती। १८ . अनेक १९५१ बात पातको । पातको २१४ १५ Expeoits exploits २२१ फुनो.११ 'जैनसुफी बन्द जेनस्फी(Gymnosophist)न्द २२२ , १ र उनके १३.. में वापर २२६ १ ती २४४ . भोर टोक (गोलाकार के मध्य भौर शरीर सी कारागारमें (गोलाकार) लोकके सत्य २६१ ६ २६३ " २५ पल्तु पापि २९६ १३ मे में ५ पचपन्न २० १३ बनान र दर्शन पालगण, इस बारियों एवं विशेष जी अन्य लिने शुबकर प्रयका भवलोकन करें।

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