Book Title: Mahavir Chariyam Author(s): Nayvardhanvijay Publisher: Ahmedabad Paldi Merchant Society Jain Sangh View full book textPage 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रस्तावना श्रीगुणचंद महावीरच० ।।८।। करता आ महाकाय महाग्रंथर्नु वाचन करवाना प्रभावे आपणे सौ आपणा आत्माने आ तारक भगवंत प्रत्येनी अनन्य श्रद्धाथी सनाथ बनावी दईए, कर्मविपाकोथी भयभीत बनावी दईए, सद्धर्मना आराधनामा दत्तचित बनावी दईए, सर्वजीवोना श्रेयानी साधनामां आत्मवीर्य फोरववा उल्लसित बनावी दईए अने एना प्रतापे आपणा परम विभु परमात्मा ज्यां बिराजमान थया, त्यां आपणां आ तारक तातनी साथे सादि-अनंत भागे आपणे पण मिलन साधीने त्यां सदा स्थिर बनी जईए, एज एक मंगलकामना.... द्वि. आसो वद ४, सोमवार ता. ५-११-२००१ मर्चन्ट सोसायटी, पालडी, अमदावाद पू. जैनशासनना महान् ज्योतिर्धर आचार्यदेव श्रीमद् विजय रामचंद्रसूरीश्वरजी महाराज पादपद्मपराग मुनि नयवर्धन विजय गणी |८|| For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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