Book Title: Mahavir Chariyam
Author(s): Nayvardhanvijay
Publisher: Ahmedabad Paldi Merchant Society Jain Sangh
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatrth.org श्रीगुणचंद महावीरव० 8 प्रस्तावः अन्य कृत्प्रशस्तिः ॐ असिवसमणदक्खो पाणिणं कप्परक्खो, जय जयपयासो पासनाहो जिणेसो। तयणु जपइ वाणी दिवपंकेरहत्या, सुयश्यणपरित्ती पंकयालीयाहत्था / / 85 // इय जिणयरवीरस्सन्टुमो ताव वुत्तो, परमपयपयाणो नाम पत्थाव एसो।। चरियमवि समर एयसंकित्तणाओ, हवउ मुहकर वो नृणमाचंदसूरं / / 86 // एवं वीरजिणेसरस्स चरियं जे भावसारं जणा, वक्वाति पहंति निचलमणा निवं निसामिति य / तेसिं इट्ठविओगऽणि?पडणादोगच्चरोगावया-यामोक्र खयमेह दुक्खमखिलं सोक्खाणि वद्धंति य // 8 // // 341 // 26364525 %A4%CEO-C4544 // ग्रंथानं. 12025 // शुभं भवतु श्रीसंघस्य / / // 34 // यावल्लवणसमुद्रो यावन्नक्षत्रमंडितो मेरुः / यावचन्द्रादित्य तावदिदं पुस्तकं जयतु // For Private and Personal Use Only

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