Book Title: Mahamantra Namokar Vaigyanik Anveshan
Author(s): Ravindra Jain
Publisher: Megh Prakashan

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Page 3
________________ विलुप्त हो रहे प्राचीन एवं अधुनातन मौलिक साहित्य को विश्वसनीय रूप में प्रकाशित करने के लिए प्रतिबद्ध पाठकों की रुचि का संस्कार एवं स्तर निर्माण करने के लिए मार्गदर्शक ग्रन्थ प्रस्तुत करने के लिए समर्पित देशगत किंवा जातिगत आग्रहों व व्यामोह से मुक्त रहकर विश्वजनीन शाश्वत मूल्यों की प्रेरणा देने वाले चिन्तन को प्रसारित करने के लिए संकल्पशील स्वस्थ परम्परा और उदात्त आचार-व्यवहार को स्थापित करने के लिए एक शालीन प्रयास की ओर अग्रसर मघ प्रकाशन 239, दरीबाकलां, दिल्ली-110006 (भारत) दूरभाष : 3278761 द्वारा प्रकाशित All rights reserved in all media. No part of this publication may be reproduced, stored in a retrieval system, or transmitted, in any form or by any means, electronic, mechanical, photocopying, recording, or otherwise, without the prior permission of MEGH PRAKASHAN, Delhi-110006 मूल्य : 100 रुपये संस्करण : सन् 2000 © सर्वाधिकार प्रकाशकाधीन सुरक्षित शब्द-संयोजन : विनायक कम्प्यूटर्स, दिल्ली-110032 मुद्रण : अरोड़ा ऑफसेट, दिल्ली-110095

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