Book Title: Mahajan Sangh Ka Itihas Author(s): Gyansundar Maharaj Publisher: Ratnaprabhakar Gyanpushpamala View full book textPage 2
________________ प्रबन्धकर्ता K. M. B. N. शीघ्रता कीजिये मूर्ति-पूजा का प्राचीन इतिहास और श्रीमान् लोकाशाह ग्रन्थ क्या है एक प्राचीन ऐतिहासिक प्रमाणों का खजाना और प्राचीन हजारों वर्षों की भूगर्भ से निकली हुई तीर्थङ्करों की और हाथ में मुँहपत्ती युक्त आचार्यो की प्राचीन मूर्तियों के चित्रों का तो एक अजायबघर ही है । १००० पृष्ठ ५३ चित्र दो पक्की कपड़े की जिल्दें होने पर भी मूल्य मात्र रु० ५ ), जल्दी कीजिये । पता - शाह नवलमल गणेशमल कटरा बजार, जोधपुर (मारवाड़) मुद्रक— शम्भूसिंह भाटी श्रादर्श प्रेस, कैसरगंज, अजमेर Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.comPage Navigation
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