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ॐ श्री वीतरागाय नमः श्री विनयविजय जी उपाध्याय विरचित
लोकप्रकाश
भाग -२ क्षेत्रलोक ( पूर्वार्द्ध) सर्ग - १२ से २० तक
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हिन्दी भाषानुवादक पू० आचार्य देव श्रीमद् विजय पद्म चन्द्र सूरीश्वर जी म० सा०
प्रकाशक श्री निर्ग्रन्थ साहित्य प्रकाशन संघ श्री आत्मानंद जैन बालाश्रम भवन, हस्तिनापुर (मेरठ) उ० प्र० ।
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