Book Title: Lingnirnayo Granth
Author(s): Kalaprabhsagar
Publisher: Arya Jay Kalyan Kendra
View full book text
________________ खद्योतप्रमुखा पुंसि क्षुद्रादयः स्त्रियामपि / / 'मधु क्लीबे नरे कश्चित् सौद्र-त्रिकं नपुंसके // 191 // स्त्रीलिंगे चर्वणा मुख्या भम्मराली च मक्षिका / दंशः पुंसि स्त्रियां दंशी तज्जातिरल्पिका तथा // 122 // वरटा पुस्त्रियोरत्र तैलाटी-प्रमुखा स्त्रियाम् / ... पशु तिर्यङ् चरिव्यलिः श्वापदश्च मतंगजः // 193 // हस्ती-गजादयः पुंसि कुञ्जरः कलभोऽस्त्रियाम् / / स्त्रीपुंसयोः करेणुश्च धेनुका तु वशा स्त्रियाम् // 19 // 'हस्तिभेदा नरे नूनं घटा स्त्रियां नरे मदः / दानं क्लीवे प्रवृत्तिः स्त्री वमथुः करशीकरः // 195 // शुण्डा हस्तो मरे क्लीबे पुष्करं चांगुलिः स्त्रियाम् / .विषाणी त्रिषु ना स्कन्धः पण्डके चासन-द्वयम् // 196 // चूलिका चेषिका नार्या पुंसि गण्डचतुष्टयम् / / 1 / / द्वित्वे कुम्भौ विदुः पुंसि वाहित्थं च नपुंसके // 117 // पेचकाधा नरे गात्रमपरा स्त्रीनपुंसके। बिन्दुजालं पुनः पमं क्लीबके शृंखलस्त्रिषु // 198 // निगडश्चान्दुकश्चैव हिजीरो निज्जरोऽस्त्रियाम् / / * पारिश्च त्रिपदी नार्या क्लीबे तोत्रं च वेणुकम् // 11 // अङ्कशः स्यानरे क्लीबे सृणिर्गुडा च पुस्त्रियोः / . क्लीबेऽपष्ठं तथा यातं यतं वीतं च तदद्वयम् // 20 // कक्षा-त्रिकं स्त्रियां पुंसि कण्ठबंधः कलापकः / / घोटकाधाः हरिप्रान्ता एते पुल्लिंगवाचकाः // 201 // वडवाश्वा प्रसूर्वामी स्त्रीलिङ्गे गदिता इमे . "किशोराद्याश्च तद्भेदास्तवर्णवाचिनो नरे // 202 // आयुर्ना ग्रोथमस्त्रीत्वे निगालस्तु खुरो नरि। शफा पुच्छे च लांगूलं ललामं पुनपुंसके // 203 / / . लूम-ललाम-नान्ते द्वऽदन्तं लूमं नपुंसके। वालहस्तोऽपि पुंल्लिगे तथा वालधिरेव च // 204 // अपावृत्त-परावृत्त लुठितानि तु वेल्लिते / - 11 एते त्रिषु समादिष्टा षण्ढ़े च घोरितादिकम् // 205 //

Page Navigation
1 ... 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108