Book Title: Krodh Author(s): Dada Bhagwan Publisher: Mahavideh Foundation View full book textPage 1
________________ क्रोध से शील का प्रताप विशेष ! ये क्रोध, मान, माया और लोभ यहीं सारी कमज़ोरियाँ हैं जो बलवान होता है उसे क्रोध करने की जरूरत ही कहाँ रही ? मगर यह तो क्रोध का जो प्रताप है उस प्रताप से सामनेवाले को वश में करने जाता है, पर जिसे क्रोध नहीं उसके पास कुछ होगा तो सही न ? उसका शील नामक जो चारित्र्य है उससे जानवर तक वश में हो जाते हैं। बाघ, शेर, दुश्मन सभी, सारा लश्कर सभी वश में हो जायें। 'दादाश्री - क्रोध डॉ. नीरूबहन अमीनPage Navigation
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