Book Title: Karm Prakruti
Author(s): Shivsharmsuri, Chirantanacharya, Malaygirisuri, Yashovijay Gani
Publisher: Jin Gun Aradhak Trust
View full book text ________________
• कर्मप्रकृतिः
॥७॥
पृष्ठाङ्क
विषय
२८-३२ पकैकप्रकृतिगतं स्वामित्वम् ३३- ४० प्रकृतिस्थानसत्कर्मप्ररूपणा ४०-४२ स्थितिसत्कर्मणि भेदः -साधनादि च ४२-४७ उत्कृष्टजघन्यस्थितिसत्कर्मस्वामित्वं ४८-५० स्थितिस्थानभेदप्र०
५०-५३ अनुभागसत्कर्मप्ररूपणा मेदप्र० च ५३-५६ प्रदेशसत्कर्मणि-मूलोत्तरप्रकृतिषु सा० प्र० ५७-६७ उत्कृष्टजघन्य प्रदेशसत्कर्मस्वामित्वं
वीर्य मेदस्थापना योगस्पर्धकस्य चित्र
बन्धनकरणे
योग० वृद्धेहनेिर्वा कालस्थापना यवमध्यचित्रं
गाथाङ्क
३-९
१०-१५
१६ १७-१९
२० २१-२४ २५-२६
२७-४३
पृष्ठ
कर्मप्रकृत्यन्तर्गतानां यन्त्राणां सूचिः
२०
३०
३१
३४
पृष्ठाङ्क
६७-८३ प्रदेशसत्कर्मस्थानप्ररूपणार्थ स्पर्धकप्ररू० ८४-८५ भूयस्कारादीनां स्वरूपम्
८५-९४ मूलोत्तरप्रकृतीनां बन्धस्थानादिचतुष्कं भूयस्कारादिचतुष्कं च
विषय
९५-१५५ बन्धोदय सत्तास्थानानां संबेधः गुणेषु जीवस्थानेषु च १५६-१६१ क्षपकश्रेणिस्वरूपम् सत्तासमाप्तिः उपसंहारश्च
पुद्गलवर्गणानां यंत्र स्नेहस्पर्द्धकचित्रं
शरीरस्थानं
प्रकृतिबन्धे मूलोत्तरप्रकृतीनां साद्यादिवन्धयन्त्रं अनुभागस्थानचित्रं
गाथाङ्क
४४-५० यन्त्राणां
५१-५२
सूचिः
५३-५६
पृष्ठ
५२
५८
६५
६८
હૃદ
11911
Loading... Page Navigation 1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 ... 1490