Book Title: Karm Prakruti
Author(s): Shivsharmsuri, Chirantanacharya, Malaygirisuri, Yashovijay Gani
Publisher: Jin Gun Aradhak Trust
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प्रकाशक- निवेदन
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प्रकाशन ___ श्री मुक्ताबाई खानमंदिर तरफथी प्रथम प्रकाशन "श्री पर्वतिथि प्रकाश" नामक श्री तत्त्वतरंगिणीनी टीका सहित गुर्जर अनु| वादनुं थयेलुं छे, द्वितीय प्रकाशन प्राचीन चूर्णि अने बे संस्कृतटीकाओ सहित श्री कर्मप्रकृतिनुं थाय छे, तेमज तृतीय प्रकाशन श्री पञ्चसङ्ग्रह शालना बीजा विभागर्नु बे संस्कृत टीकाओ साथे थाय छे.
श्री कर्मप्रकृतिना मूलकर्ता KI श्री कर्मप्रकृति पूर्वधर भगवान श्रीशिवशर्मसूरिनी रचेली छे. आमायणी नामक बीजा पूर्वमांथी तेनो उद्धार करेलोछे. तेनी एक
दर गाथाओ ४७५ छे. ते प्राकृतभाषामा रचेली छे, मूलकर्ता पूर्वधरभगवान दशपूर्वधारी होवानी संभावना थाय छे, तेओ छेल्ला यथार्थ आगमोद्धारकपूज्यश्रीदेवधिंगणि क्षमाश्रमणथी पूर्वे थया होवार्नु अनुमान विद्वान प्रस्तावके आ ग्रन्थनी प्रस्तावनामां लखेलुंज छे. श्री कर्मप्रकृतिनी चूर्णि
अत्यार सुधी नहि प्रगट थयेली मा ग्रन्थनी चूणि पहेल वहेलीज भामां प्रसिद्ध थाय छे. कया महापुरुषे आ चूर्णि रची हशे ते
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