Book Title: Kamtaprasad Jain Vyaktitva evam Krutitva
Author(s): Shivnarayan Saxena
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

View full book text
Previous | Next

Page 157
________________ (१४४) अहिंसाका सन्देश देनेका जो आजीवन पुण्य कार्य किया है वह उनके यश शरीरको अमर रखने के लिये पर्याप्त है। डिग्री कालेज उरई मक्खनलाल पाराशर, लेक्चरार दुःख केवल उनके व्यक्तिगत मित्रों को ही नहीं हुआ, तथा देश विदेशके सकल जैन समाजको है। वह जैन समाजकै एक प्रतिष्ठित विद्वान तथा कर्मठ सेवकों और आदरणीय कार्यकर्ताओं से थे : रोहतक लग्रसेन जैन, एम० ए० एल० एल० बी० डॉ. कामनाप्रसाद जैसी प्रशान्त एवं प्रगतिशील संस्थाकी प्रतिमूर्ति स्त्रोकर हम सभी अनाथ हो गये हैं।...... डॉ. साबने विश्व जैन धर्मकी पताका फहरानेमें कितना योगदान दिया है, इविवाह का प्रति पुरण बताएगा। मेरा नम्र सुझाव है बैरिस्टर इम्पतरायजा एवं डा० कामताप्रसादजी का स्मारक बनाया जावे। कटनी (जबलपुर ) तोलाल जैन 'विजय', एम० ए० सत्य और अहिंसाके सम्राट बाबू साइबने जैन विश्व मिशनको समृद्धशाली बनाकर अपना समस्त जीवन सत्य अहिंसाकी ज्योतिमें जलाया जो आनेवाली पीढ़िया स्मरण करेंगी। वे जैन समाजके सेवक बनकर सत्य और अहिंसाके सम्राट थे। उनका जीवन भी विश्वहितके लिये गांधी, पूज्य वर्णी आदि महान आत्माओंके समान था जो अनवरत और अटूट सेवायें देकर जैनाबोकमें अमर नाम कर गये। मदिया-(जबलपुर ) पं० बाबूलाल फणोश शाबी Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178