Book Title: Kamal Labdhi Mahoday Kavyam
Author(s): Vrajnath Narayan Acharya
Publisher: Lakshmichand Kochar
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[४]
परं पारं प्राप्तुं जवजलनिधेः कांदिण इति व्यधान्नाम्ना रामं मुदितजनको लालसहितम् ॥॥
वसन्त लालाम्बुबिन्युनिकरैर्धतरंध्र त्राम्
नीखालकाकलितमञ्जुलवक्त्रपद्मः। लीलास्मितैरधरमूलयुगागलद्भिः
मालां दधौ स हृदये खलु मौक्तिकानाम्॥ए।
मालिनी
बहुविधशिशुलीलामाचरन्बालकोऽसौ
जनकरचितयत्नादाप वृद्धिं क्रमेण । धरणिधरचलद्न्यो निर्झरेज्यो बहुभ्यः
सरिदिव तरलोमि श्रेणिनिः सुप्रसन्ना ॥१७॥
उप०
ज्योतिर्विदं प्राप धनिप्रशस्यम् किशोरचन्द्रं यतिवर्गवृद्धम् ।

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