Book Title: Kamal Labdhi Mahoday Kavyam
Author(s): Vrajnath Narayan Acharya
Publisher: Lakshmichand Kochar

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ [२] हसित सुरपुरश्रीः पुरी सारसेति । यस्यां भास्वदिव स्पृग्गृहखचितमणिश्रेणिघस्रायमाणां रात्रि जानन्ति लोका अभिहतघटिकाधीरनादेन चित्ते ॥५॥ केचिद्वस्त्रान्नदानैरनुदिनमसकृत् । ___ याचकान्त्रीणयन्तः केचित्पुष्पोपहारैः करतलकलितैर्देवपूजासु सक्ताः। ___ केचित्साधून्प्रवीणान्परहितकरणे साधु शुश्रूयन्तः वर्तन्ते यत्र केचित् प्रवचनपटवः श्रावयन्तश्च धर्मान् ॥३॥ मालिनी० रुधिरसुगुणसान्द्रः रुच्यभाषोरगेन्द्रः विमतनगमहेन्द्रः साधुनक्तावतन्द्रः। चतुरकुमुदचन्द्रः गोमवंशेजचन्द्रः दिनमणिरिव यस्यों राजते रूपचन्द्रः॥४॥

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 246