Book Title: Kamal Labdhi Mahoday Kavyam
Author(s): Vrajnath Narayan Acharya
Publisher: Lakshmichand Kochar
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[ ३ ] शिखरिणी०
सती संसच्छ्रेष्ठा पतिबहुमता चन्द्रवदना समस्ताः कुर्वाणा वदनमदसाशा वितिमिराः विजेत्री सक्थियां कश्विरकरं तस्य वनिता सुशिला जीताऽऽसीद्रतिरिव रतीशस्य विमला ॥५॥ गीति० नेत्रं कुवलय मित्रं गात्रं कुसुमास्त्रकरकन कवेत्रम् | मध्यस्त्वनुमितिसाध्यः चेतोहृद्यं कुचद्वयं यस्याः ॥६॥ मालिनी ०
नगगगननवदमासंमिते वैक्रमेऽब्दे शुजनिलय विराजत्खेचरेद्धे विलग्ने । उदयगिरिशिखायाः पद्मबंधुर्यथाऽस्याः
जनि वनबंधुः कोऽपि पुण्येन तस्य ॥ ७ ॥ शिखरिणी० रमन्तेऽस्मिन्सर्वे कलितनिखिलांशस्य शशिनः मुखाम्नोजं बिज्रत्यखिलगुणलुएवत् गुणनिधौ ।

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