________________
ज्योतिषप्रश्नफलगणना (४५)द, व, अ-सुनो पृच्छक ! तेरे उद्यम के दिन है, तेरा कार्य सर्व सिद्ध होगा । कुछ पुण्य कर्म करते रहो ।
(४६ ) द, अ, व-सुनो पृच्छक ! तुम्हारे लिये सब वस्तु मिलेगी, धैर्य करो, पुण्य से सब कार्य सिद्ध होगा, चिन्ता मत करो।
(४७ ) द, व, व-सुनो पृच्छक ! तेरे तो क्षेत्रपाल का उधम है, उसकी पूजा करो, अन्त में कार्य की सिद्धि होगी।
(४८) द, ज, ज-सुनो पृच्छक ! जो तुम सोचते हो, सो कार्य में भला न होगा, छोड़ दो, पुण्य ( जप, पूजा-पाठ, दान) करो तब सब कार्य सिद्ध होंगे।
(४९ ) ज, ज, ज-सुनो पृच्छक ! सर्व सिद्धि होगी, जैसे द्वितीया की चन्द्रमा की कला दिन दिन बढ़ता है, इस प्रकार तेरा काम दिन-दिन सिद्ध होगा।
(५०) ज, ज, द-सुनो पृच्छक ! तुम इष्टदेवता का स्मरण किया करो, मनोकामना सिद्ध होगी, सर्वजन की रक्षा होगी।
(५१) ज, द, द-सुनो पृच्छक ! तेरे काम का एक शत्रु है, उसे बहुत बली राहु समझना. विश्वास नहीं करना, दिन पाय के कार्य सफल होगा।
(५२) ज, द, व-मनो पच्छक ! जो कार्य तुम सोचते हो, सो कार्य सहज में होगा । इष्टदेवता की पूजा करो।
(५३) ज, व, द-सुनो पृच्छक ! जो तू चिन्ता करता है सो कार्य कठिन है, तुम्हारे मित्र कपटी हैं, उनका कहना न मानना--अपने भाई-मित्रों को देखते रहना, तब कार्य सफल होगा।
(५४ ) ज, ज, व-सुनो पृच्छक ! जो तू सोचता है। उस कामना को परमेश्वर भला करेगा, तुम्हारे बुरे दिन गये, भले दिन आये हैं।
( ५. ) ज, द, ज-सुनो पृच्छक ! यह कार्य करने से तुम को सिद्धि होगी, कुछ जप-होम आराधना करो।
(५६) ज, अ, द-सुनो पृच्छक ! तुम और की आशा करते हो । आशा भगवान् को करनी चाहिये, उद्यम करने से कार्य सिद्ध होगा, चिन्ता मत करो।
(५७ ) ज, व, ज-सुनो पृच्छक ! तेरा कार्य तत्काल होगा परन्तु तुम धेयं करो, धैर्य करने से सुख मिलेगा।
(५८) ज, म, व-सुनो पृच्छक ! तेरा मन भ्रम में है, जिस कार्य का उद्यम करते हो उसमें बहुत श्रम है, इसे छोड़ और काम करो, होगा।
http://www.Apnihindi.com