Book Title: Jinvallabhsuri Granthavali Author(s): Vinaysagar, Publisher: Prakrit Bharti Academy View full book textPage 8
________________ १९६ २०९ २०. महावीरचरितम् . १६१-१६४ २१. वीर-चरित्र (जय भववण०) १६५-१६६ २२. चतुर्विंशति-जिन-स्तुतयः (मरुदेविनाभितणयं०) १६७-१७५ २३. चतुर्विंशति-जिन-स्तोत्राणि (भीमभव०) १७६-१८९ २४. नंदीश्वर-चैत्य-स्तव १९०-१९२ २५. सर्वजिन-पञ्चकल्याणक-स्तोत्रम् (सम्म नमिऊण) १९३-१९५ २६. सर्वजिन-पञ्च-कल्याणक-स्तोत्रम् (पणयसुर०) २७. महाभक्तिगर्भा सर्वज्ञविज्ञप्तिका (लोयालोय०) १९७-२०० २८. प्रथम-जिन-स्तवनम् (सयलभुवणिक्क०) २०१-२०५ २९. लघु-अजित-शान्ति-स्तवनम् २०६-२०८ ३०. स्तम्भन-पार्श्वजिन-स्तोत्रम् (सिरिभवण०) ३१. क्षुद्रोपद्रवहरपार्श्वजिन-स्तोत्रम् (नमिरसुरासुर०) २१०-२११ ३२. महावीर-विज्ञप्तिका (सुरनरवर०) २१२-२१३ ३३. महावीरस्वामिस्तोत्रम् (भावारिवारण-स्तोत्र) २१४-२१९ ३४. सर्वजिनेश्वरस्तोत्रम् (प्रीतिप्रसन्न०) २२०-२२२ ३५. पञ्चकल्याणकस्तोत्रम् (प्रीतिद्वात्रिंश०) २२३-२२५ ३६. कल्याणकस्तोत्रम् (पुरन्दरपुर०) २२६ ३७. पार्श्वनाथ-स्तोत्रम् (नमस्यद्गीर्वाण०) २२७-२३२ ३८. पार्श्वनाथस्तोत्रम् (पायात्पार्श्व०) २३३-२३४ ३९. पार्श्वनाथस्तोत्रम् (देवाधीश०) २३५-२३६ ४०. स्तम्भन-पार्श्वनाथ-स्तोत्रम् (समुद्यन्तो०) २३७-२४१ ४१. स्तम्भन-पार्श्वनाथ-स्तोत्रम् (विनयविनमद्०) २४२-२४४ ४२. स्तम्भन-पार्श्वनाथ-स्तोत्रम् चित्रकाव्यात्मकम् (शक्तिशूलेषु०) २४५ ४३. स्तम्भन-पार्श्वनाथ-स्तोत्रम् चक्राष्टकम् (चक्रे यस्य नतिः) २४६-२४७ ४४. सरस्वती-स्तोत्रम् (सरभसलसद्०) २४८-२५२ ४५. नवकार-स्तोत्रम् (किं किं कप्पतरु०) २५३-२५६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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