Book Title: Jinendra Vandana evam Barah Bhavana
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur
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निज आतमा के भान बिन है निर्जरा किस काम की। निज आतमा के ध्यान बिन है निर्जरा बस नाम की ॥ है बंध की विध्वंसनी आराधना आराधना ध्रुवधाम की | यह निर्जरा बस एक ही आराधकों के काम की ॥
इस सत्य को पहिचानते वे ही विवेकी ध्रुवधाम के आराधकों की बात ही कुछ शुद्धातमा की साधना ही भावना का ध्रुवधाम की की आराधना आराधना
का
( ३४)
धन्य हैं।
अन्य है ॥
सार है।
सार
है ॥
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