Book Title: Jinduttasuri ka Jain Dharma evam Sahitya me Yogdan
Author(s): Smitpragnashreeji
Publisher: Vichakshan Prakashan Trust

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Page 3
________________ गुजरात युनिवर्सिटी द्वारा पीएच.डी. पदवी के लिए स्वीकृत महानिबंध प्रेरिका प. पू. स्व. प्रवर्तिनी जैन-कोकिला श्री विचक्षणश्रीजी म. सा. की सुशिष्या शासनज्योति - शासनउत्कर्षिणी शतावधानी प. पू. श्री मनोहरश्रीजी म.सा. एवं विदुषीवर्या प.पू.श्री मुक्तिप्रभाश्रीजी म.सा. अर्थसौजन्य यसाजन्य : "विचक्षण अभय स्मृति ट्रस्ट" श्रीमान् किरनचंदजी, सुपुत्र जगदीश जी, अनिल जी, पौत्र अजय,अक्षय, अश्विन, अनुप - लुनिया परिवार, जोधपुर (राज.) प्रथम संस्करण : १९९९ मूल्य : रू. १५०-०० प्राप्तिस्थान विचक्षण स्मृति प्रकाशन, खरतरगच्छ ट्रस्ट, दादासाहेब पगला, नवरंगपुरा, अहमदाबाद-३८० ००९. मुद्रण व्यवस्था : मयंक शाह, रमणीय ग्राफीक्स, ४४/४५१, ग्रीनपार्क एपार्टमेन्ट्स, सोला रोड, नारणपुरा, अहमदाबाद-३८० ०६३. (फोन-७४५१६०३) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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