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इत्यादि) का वर्णन है। अत: इसका वाचन, पारायण करना । को भी शत-शत वन्दन कर कृतज्ञता प्रकाशन करते हैं, प्रत्येक श्रावक-श्राविका का अनन्य कर्तव्य है, ताकि वह | जहाँ की पवित्र भूमि पर इस महान् ग्रन्थ की रचना मोक्षमार्ग को समझ सके एवं उपर्युक्त भावनाओं का चिन्तन | पूर्ण हई है। करके आत्मकल्याण कर सके।
रिटायर्ड रीडर-संस्कृत विभाग अन्त में विनयावनत आचार्य विद्यासागर उस स्थान |
दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
एफ-२२, प्रशान्त विहार, दिल्ली-११००८५ । सभी जैनों के द्वारा केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री
को प्रेषणीय पत्र प्रति,
श्री गुलाम नबी आजाद मंत्री-केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय १५०-ए, निर्माण भवन, नई दिल्ली- ११० ००३
फोन-(०११) २३०६१६६१, २३०६१७५१, फैक्स २३७९२३४१ (आफिस) २३७९२०५२, २३७९२९४४ (नि.) विषय- शाकाहार एवं मांसाहार संबंधी खाद्य पदार्थ के पैकेजों पर क्रमशः हिन्दी एवं अंग्रेजी में 'शाकाहार
खाद्य' 'vegetarian Food' तथा 'मांसाहार खाद्य' 'Non-Vegetarian Food' भी प्रतीक चिन्हों के साथ
लिखे जाने के बावत। मान्यवर,
केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (स्वास्थ्य विभाग) के द्वारा 'खाद्य अपमिश्रण निवारण नियम १९५५' में विगत कुछ वर्ष पूर्व में कतिपय संशोधन किये थे। उनमें से दो विवरण अधोलिखित हैं
(अ) 'भारत का राजपत्र'- असाधारण [भाग II, खण्ड ३ उप-खण्ड (i)] में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सं. १६६ में ४ अप्रैल २००१ को 'खाद्य अपमिश्रण निवारण (चौथा संशोधन) नियम, २००१' विषयक सा.का.नि. २४५ (अ) अधिसूचना प्रकाशित हुई है।
इस संशोधन में 'मांसाहार खाद्य' की परिभाषा निर्धारित की गई है। इसके साथ ही मांसाहार खाद्य युक्त पैकेज (Package)के ऊपर 'भूरे रंग' (Brown Colour) वाले वर्ग (Square) के भीतर, उसी रंग से भरा हुआ वृत्त (Circle) को भी बनाया जाना अनिवार्य किया गया है। यथा- 0
(ब) 'भारत का राजपत्र'- असाधारण [भाग II, खण्ड ३ उप-खण्ड (i)] में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सं. ६३० में २० दिसम्बर, २००१ को 'खाद्य अपमिश्रण निवारण (नवां संशोधन) नियम, २००१' विषयक सा.का.नि. ९०८ (अ) अधिसूचना प्रकाशित हुई है।
इस संशोधन में 'शाकाहार खाद्य' की परिभाषा सुनिश्चित की गई है। इसके अतिरिक्त शाकाहार खाद्य युक्त पैकेज के ऊपर 'हरे रंग' (Green Colour) वाले वर्ग (Square) के भीतर, उसी रंग से भरा हुआ वृत्त (Circle) भी निर्मित करना अनिवार्य किया गया है। यथा-
इन्हीं दोनों अधिसूचनाओं से संबंधित तीन बिन्दुओं की ओर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूँ। वे तीन बिन्दु निम्नलिखित हैं
१. प्रथम अधिसूचना में असाधारण रूप से अनेक अशुद्धियाँ देखने में आ रही हैं, जो साथ में अलग से एक पत्र में उल्लेखित हैं। आपसे अपेक्षा है कि उसमें निर्दिष्ट अशुद्धियों को दूर कराने हेतु आपके द्वारा समुचित कार्रवाई की / कराई जाए।
२. दूसरी बात यह है कि उक्त दोनों संशोधनों को लागू हुए लगभग ८ वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। फिर भी इनके प्रयोजनों का व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं होने से जनसामान्य अभी भी इन प्रतीक चिन्हों से प्रायः अपरिचित ही है। मांसाहारयुक्त खाद्य पदार्थ के उत्पादक आदि के द्वारा 'भूरे रंग' के स्थान पर 'लाल रंग
जनसामान्याअभी भाइन प्रतीक चिन्हां से प्रायः
30 दिसम्बर 2009 जिनभाषित -
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