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पं० निर्मल जैन का सम्मान एवं 'शाकाहार । पल्लवित हुये और मुझ अज्ञानी को पण्डित माना जाने साधना' विमोचित
लगा। कार्यक्रम के अध्यक्ष एम० पी० बिरला उद्योग समूह शाकाहार प्रचार-प्रसार हेत समर्पित सतना के | के सी० ई० ओ० तथा बाम्बे हास्पिटल, मुम्बई के ट्रस्टी सुप्रसिद्ध विद्वान् पं० निर्मल जैन की ७७वीं वर्षगाँठ पर
श्री डी० आर० बंसल ने शाकाहार के महत्त्व पर प्रकाश २५ अप्रैल २००९ को सतना में एक भव्य कार्यक्रम
डालते हुए कहा कि इससे होनेवाले लाभों को देखते में उनका सम्मान किया गया, तथा उनके लेखों के संग्रह
हुए आज अमेरिका, जापान, यूरोप आदि में बड़ी संख्या 'शाकाहार साधना' पुस्तक का विमोचन हुआ। स्वतंत्रता
में लोग शाकाहार अपना रहे हैं। शाकाहारी होने से आदमी संग्राम सेनानी, पूर्व सांसद एवं विश्व अहिंसा संघ के
की सेहत, स्वभाव और विचार अच्छे रहते हैं। सतना अध्यक्ष श्री डालचंद्र जैन कार्यक्रम के मख्य अतिथि थे।
के श्री निर्मल जी विदेशों तक शाकाहार का प्रचार कर श्रीमती रश्मि जैन ने मंगलाचरण किया। शासकीय
| रहे हैं। उनकी यह पुस्तक इस आन्दोलन को और आगे स्नातकोत्तर महाविद्यालय सतना के प्राचार्य तथा सुप्रसिद्ध | बढ़ायगा
| बढ़ायेगी। कार्यक्रम का संचालन श्री सुधीर जैन ने किया साहित्यकार डॉ. सत्येन्द्र शर्मा ने सभी का स्वागत किया।।
तथा आभार प्रदर्शन श्री सतीश जैन ने किया। समारोह दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र जैन ने पं०
के तृतीय चरण में देश के विख्यात गीतकार पद्मभूषण निर्मल जैन के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं समाज सेवा के | गोपालदास नीरज एवं सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ० सरोजकुमार आयामों पर प्रकाश डाला। समग्र जैन समाज की ओर | ने काव्य पाठ किया। से समाज के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र जैन, मंत्री श्री रमेश
सुधीर जैन
युनिवर्सल केबिल्स लिमिटेड, जैन तथा कोषाध्यक्ष श्री संदीप जैन ने शाल, माला एवं
सतना, (म.प्र.) श्रीफल से श्री निर्मल जी का सम्मान किया। आपकी
पर्युषण पर्व हेतु आमंत्रण शीघ्र भेजें धर्मपत्नी सरोज जैन का भी सम्मान किया गया। इन्दौर के सुप्रसिद्ध कवि डॉ० सरोजकुमार ने कहा कि श्री निर्मल
श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान, जैन नसियाँ जी के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित शाकाहार संबंधी
रोड, वीरोदय नगर, सांगानेर, जयपुर से श्रमण संस्कृति लेखों का संकलन 'शाकाहार साधना' पुस्तक में किया
के पोषक, कुशल वक्ता, आर्षमार्गीय विद्वान् विगत बारह
वर्षों से जैनधर्म की प्रभावना करने के लिए देश-विदेश गया है जो अपने आप में अनूठा है। जैनदर्शन के प्रख्यात
के विभिन्न स्थानों में आमंत्रण पर जाते हैं। इस वर्ष विद्वान् एवं अग्रज श्री नीरज जैन ने इस अवसर पर कहा कि मुनष्य बने रहने की कोशिश करते रहोगे, तो
यह पर्व दिनांक २४.०८.२००९ से ३.०९.२००९ तक भगवान् बनोगे, नर से नारायण बनोगे। यही छोटे भैया
समस्त जैन धर्मानुयायी बन्धुओं द्वारा हर्षोल्लासपूर्वक ने अपने जीवन में किया और उनका कद आज मुझसे
मनाया जायेगा। ऊँचा हो गया है।
इस अवसर पर विधि-विधान एवं प्रवचनार्थ विद्वान् कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध समाज
आमंत्रण हेतु अपना आमंत्रण पत्र यथाशीघ्र संस्थान कार्यालय सेवी श्रीयुत् श्रीकृष्ण माहेश्वरी ने अपने उद्बोधन में
में अवश्य प्रेषित करें, जिससे समय रहते समुचित व्यवस्था कहा कि इस जीवन के कर्म अगले जन्म में काम आते
की जा सके। हैं। श्री निर्मल जी ने शाकाहार आन्दोलन की, जो अलख
सम्पर्क सूत्र जगाई है, वह आज पूरे देश में फैल रही है।
पं० पुलक गोयल, व्याख्याता पं० निर्मल जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि
श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान, यह मेरा नहीं वरन् शाकाहार साधना का सम्मान है।
जैन नसियाँ रोड, वीरोदय नगर,
सांगानेर, जयपुर (राज.) पूज्य श्री गणेश प्रसाद जी, वर्णी तथा आर्यिका विशुद्धमती
फोन : ०१४१-३२४१२२२, २७३०५५२ माताजी से जो धार्मिक संस्कार मुझे मिले थे, वे पूज्य
मो० ०९४१४८७००९९, ०९३१४५९१३९७ मुनिराजों के आशीर्वाद एवं विद्वानों के मार्गदर्शन से
32 जुलाई 2009 जिनभाषित