Book Title: Jinabhashita 2009 03
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 28
________________ परत में बने वर्कों का धड़ल्ले से इस्तेमाल करते हैं ।। होता है। दिल्ली, लखनऊ, आगरा और रतलाम की वधशालाओं में वर्क बनाने के लिए पशुओं की नरम खाल से बनी थैलियाँ इन शहरों में भेजी जाती हैं। 7 अनेक लोग झाँसा देकर खुद को यह समझाने का प्रयास करते हैं कि यह मशीन से बना हुआ है। बिना क्रूरता, सुन्दरता एक श्रमसाध्य कार्य है। पूरे देश में या इस पृथ्वी पर वर्क का ऐसा कोई टुकड़ा नहीं है, जो मशीन से बना हो। इन्टरनेट पर मुझे जालंधर से एक व्यक्ति ने पत्र भेजा, जिसमें दावा किया गया था कि उसके पास जर्मनी के सहयोग से बनी एक ऐसी स्वचालित मशीन है, जो विशेषरूप से भारत में बने पूर्ण शुद्ध और वातावरण-नियंत्रित कागज में चाँदी के टुकड़ों को पीटकर वर्क बनाती है और इसका संचालन अनुभवी और प्रशिक्षित इंजीनियरों का दल करता है। मैंने इसका पता लगवाया। इस तरह की कोई फैक्ट्री नहीं मिली यहाँ तक कि । नाम भी नहीं। यह सरासर झूठ था । वर्क का उत्पादन मुख्यतः उत्तरी भारत में होता है पटना भागलपुर, मुजफ्फरपुर और गया (बिहार में बौद्धों के पवित्र केन्द्र), कानुपर मेरठ और वाराणसी (उत्तर प्रदेश में हिन्दुओं के पवित्र शहर), जयपुर, इन्दौर, अहमदाबाद और मुम्बई ऐसे मुख्य नगर हैं, जहाँ वर्क का बड़े पैमाने पर उत्पादन वर्क केवल मांसाहारी खाद्य पदार्थ ही नहीं है, वरन यह मानवशरीर के लिए काफी हानिकारक भी है। चाहे शाकाहारी हो या मांसाहारी इंसान चाँदी हजम नहीं कर सकता और इसके खाने से कोई लाभ भी नहीं है। नवम्बर 2005 में लखनऊ में वर्क पर इंडस्ट्रियल टॉक्सीकोलोजी रिसर्च सेन्टर द्वारा किए गए अध्ययन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बाजार में उपलब्ध चाँदी के वर्क जहरीले ही नहीं, बल्कि कैंसर कारक भी हैं जिसमें सीसा, क्रोमियम, निकिल और कैडमियम जैसी धातुएँ भी मिली हुई हैं जब ऐसी धातुएँ शरीर में खाद्य पदार्थ के रूप में जाएँगीं, तो निश्चित ही वे कैंसर का कारण बनेंगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस उद्योग में काम करनेवालों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। वर्क से लपेटी गईं मिठाइयों, फल और पान को सेवन मत कीजिए। मिठाई दुकानदार वर्कवाली मिठाइयों पर मांसाहार का लेबल क्यों नहीं लगाते ? श्रुत महोत्सव 09 अनेकान्त ज्ञान मंदिर, बीना प्रतिवर्ष की भाँति अनेकान्त ज्ञान मंदिर शोध संस्थान का 17 वाँ स्थापनावर्ष समारोह त्रिदिवसीय 'श्रुत महोत्सव' (20 फरवरी से 22 फरवरी 09) के रूप में विविध धार्मिक आयोजनों के साथ श्रुतधारा परिसर में सोत्साह संपन्न हुआ । कोठिया कृति 'नमन' बीना हरदा (म.प्र.) में निःशुल्क लैंस प्रत्यारोपण नेत्र शिविर सम्पन्न दयोदय पशुधन संरक्षक समिति हरदा (म.प्र.) के द्वारा विगत् 5 वर्षों से निःशुल्क लैंस प्रत्यारोपण नेत्र शिविर का आयोजन होता आ रहा है। इस वर्ष दिनांक 9 फरवरी 09 से 13 फरवरी 09 तक नेत्र शिविर का आयोजन डॉक्टर श्री ऋषभ सिंघई के द्वारा किया गया, जिसमें 45 रोगियों का आपरेशन सानंद सम्पन्न हुआ। दिनांक 13 फरवरी 09 को समिति के अध्यक्ष श्री बी. एल. जैन के द्वारा रोगियों को चश्मा एवं दवाई का वितरण किया गया। समिति के सचिव श्री सत्यनारायण जी शर्मा, कोषाध्यक्ष महेन्द्र अजमेरा, उपाध्यक्ष प्रदीप अजमेरा, संयोजक अनूप बजाज व श्री ज्ञानेश चौबे, सोहनलाल उन्हाले, एवं रमेश पाटनी का पूरा सहयोग रहा। महिला मण्डल व वैश्यसमाज महिलाओं द्वारा दूध, चाय, फलों का वितरण किया गया। श्री मोहम्मद सलीम नूरी द्वारा रोगियों को निःशुल्क खिचड़ी का वितरण व श्री सत्यनारायण जी शर्मा द्वारा तीनों दिन दलिया दूध का वितरण किया गया, जिसके लिए समिति सभी के प्रति आभार प्रकट करती है। 26 मार्च 2009 जिनभाषित Jain Education International महेन्द्र अजमेरा, कोषाध्यक्ष श्री दयोदय पशुधन संरक्षण समिति, हरदा (म. प्र. ) For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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