Book Title: Jinabhashita 2008 10
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 33
________________ पुलिस-निरीक्षिका जैन युवती का सूझबूझभरा प्रयास __डॉ० कुमारी रेखा जैन, जिन्होंने परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी से ब्रह्मचर्यव्रत ग्रहण किया है, मध्यप्रदेश पुलिस सेवा में निरीक्षिका के पद का उत्तरदायित्व वहन कर रही हैं। कुछ ही समय पहले वे अपनी कार्यदक्षता के फलस्वरूप टी. आई. के पद पर पदोन्नत हई हैं और वर्तमान में सागर (म.प्र.) में महिला थाना प्रभारी हैं। चूँकि वे पुलिसनिरीक्षका हैं और पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी से एवं धर्म , इसलिए उनके मन में यह पीड़ा रहती थी कि मन्दिरों में अपने जिनदेव कैसे सुरक्षित किये जाएँ, उन्हें चोरी से कैसे बचाया जाय? और इस पीड़ा से मुक्ति पाने में उन्हें मिल गये अच्छे अफसर और अच्छे अवसर, तब उन्होंने ठान लिया कि कम से कम सागर जिले से इस समस्या को छुटकारा मिले। उन्होंने पब्लिक-पुलिस-प्रेस का अभियान चलाया और जनजागृति लाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किये, जिनमें जनता, प्रेस और प्रशासन को आमंत्रित किया, लोगों के विचारों को जाना। सभी इस समस्या से परेशान थे। सभी अपने आराध्य को बचाना चाहते थे, तब उन्होंने एक संकल्पपत्र भरवा कर, एक महावीर सिक्यूरिटी एजेंसी से संपर्क कर चौकीदारों की भर्ती की, जो सभी हैल्थ-हाइट में अच्छे और पढ़े-लिखे थे, रोजगार की तलाश में थे। ४२ चौकीदारों को शहर के ५२ जैन मन्दिरों एवं हिन्दू मंदिरों में तैनात कर दिया। जनता ने करीब ८४००० रुपयों का भुगतान इन चौकीदारों को करने के लिए अपने संकल्प पत्र भरे। प्रत्येक चौकीदार का २००० वेतन हुआ। इस कार्यक्रम को प्रारंभ करने में करीब डेढ़ माह लगा और अनेकों सभाएँ करनी पड़ी, लेकिन मुख्यता से रवीन्द्रभवन सागर, बंडा, शाहगढ़, मालथौन और बाँदरी ग्राम में सभाएँ आयोजित की। आज इन चौकीदारों को शहर में चौकीदारी करते करीब सवा माह हो गया। अभूतपूर्व रिजल्ट मिले। शहर में चोरियों का ग्राफ गिर गया। किसी भी मंदिर में एवं उन मुहल्लों में चोरियाँ नहीं हुईं, जहाँ ये चौकीदार कार्य कर रहे हैं। एक माह समाप्त होते ही जनता ने इन चौकीदारों को वेतन का भुगतान कर दिया। और पुनः उत्साह एवं उमंग के साथ चौकीदार कार्य पर लगे हैं। चौकीदार रात ९ बजे से सुबह ६ बजे तक मंदिर एवं आसपास के रहवासी क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यह कार्य अत्यन्त कठिन था, लेकिन सागर में अखिल भारतीय दिगम्बर जैन महिला परिषद् ने अभूतपूर्व एकता दिखलाई। ये उसी महिला परिषद् की सदस्याएँ हैं, जिन्होंने पिछली १७ फरवरी को आ. श्री विद्यासागर जी महाराज के सान्निध्य में एक विशाल महिला सम्मेलन सागर में किया था। और सभी ने संकल्प लिया था कि हम धार्मिक कार्यों में रुचि लेकर देव-शास्त्र-गुरु की सेवा करेंगे। इन्होंने दिन रात मेहनत करके लोगों से संकल्प पत्र भरवाये। चूँकि डॉ. रेखा जैन पुलिस अधिकारी हैं, इसलिए प्रशासन का इनको पूर्ण सहयोग रहा। वहाँ के अधिकारी जैसे एस० पी० डॉ० हरिसिंह यादव, एडीशनल एस० पी० श्री तिकल सिंह एवं अन्य अधिकारियों ने जब भी इन्होंने समय चाहा, दिया एवं जब भी इन्होंने गाँवगाँव जाकर प्रोग्राम रखे, वहाँ पहुँचकर इन्होंने भी चौकीदार रखने की बात कही। पब्लिक-पुलिस-प्रेस के इस कार्यक्रम से यह कार्य सम्पन्न हुआ। यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम बना। क्योंकि समस्याओं को सुनानेवाले बहुत मिलते हैं, लेकिन समस्याओं का हल ढूँढ़ने और सहयोग करनेवाले कम मिलते हैं। कभी-कभी कुछ कदम ऐसे होते हैं, जो इतिहास बदल देते हैं। ऐसा ही एक कार्य डॉ० रेखा जैन के मार्ग-दर्शन में सागर की जनता ने कर दिखाया और अब पूरी उम्मीद है कि जैन एवं हिन्दू मन्दिरों में चोरियाँ नहीं होंगी। कार्य कठिन था, लेकिन करने योग्य था और यह असंभव कार्य संभव हो गया गुरुदेव आचार्य श्री विद्यासागर जी के आशीर्वाद से। सम्पादक अक्टूबर 2008 जिनभाषित 31 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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