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कर्मचारियों को प्रतिवर्ष उनके पर्युषणपर्व के लिये क्रमशः | जहाँ वे धार्मिक पत्र-पत्रिकाओं, स्थानीय संवाददाताओं के भाद्रपद कृष्ण ११ से भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी या पंचमी | माध्यम से समाचार पत्रों, धार्मिक गतिविधियों संचालित तक और भाद्रपद शुक्ल पक्ष ५ से भाद्रपद शुक्ल पक्ष | होनेवाले योग्य स्थानों, जिन मंदिरों, संस्थाओं के कार्यालयों, १५ तक धार्मिक कृत्य करने के लिये कार्यालय में १२ | चातुर्मास स्थलों में नोटिस बोर्ड आदि के द्वारा जन सामान्य बजे तक पहुँचने की सुविधा प्रदान की गई है, बशर्ते | तक पहुँचाएँ, वहीं द्वितीय परिपत्र की प्रति स्थानीय कि इससे शासकीय कार्य पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं | प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस प्रशासन, नगरीय प्रशासन पड़े और कर्मचारी अपना कार्य अद्यतन रखें।' | या ग्राम पंचायत निकाय के प्रमुख अधिकारी को उपलब्ध
पाठकों से अपेक्षा है कि उक्त तीनों परिपत्रों का | कराएँ, ताकि वे यथासमय उसका सम्यक् परिपालन करा मध्यप्रदेश एवं छततीसगढ़ में व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु | सकें।
पंजाब में स्थापित हो रहे धार्मिक । विद्वानों के संगठनों एवं जैनसंतों से विनम्र निवेदन विश्वविद्यालय में जैनधर्म के अध्ययन हेतु | है कि आप इस विषय में जैनधर्म के शिक्षण प्रशिक्षण प्रयास करें
के संबंध में अभी से विशेष समिति बनाएँ और जैनधर्म भारत सरकार के मानव संसाधन विकास | के शिक्षण प्रशिक्षण एवं कोर्स मटेरियल तैयार करने मंत्रालय द्वारा पंजाब प्रदेश में स्थित फतेहगढ़ साहिब के लिए कार्यवाही प्रारंभ करें, जिससे कि इन क्षेत्र में प्रथम धार्मिक विश्वविद्यालय की स्थापना की विश्वविद्यालयों में प्रथम सत्र से ही प्रभावी ढंग से जा रही है। इस विश्वविद्यालय में सभी धर्मों की | जैनधर्म का शिक्षण प्रारंभ हो सके। शिक्षा दिये जाने और शिक्षित छात्रों को विधिवत् डिग्री
सुरेश जैन, आई. ए. एस. दिये जाने का निर्णय किया गया है। निकट भविष्य
जैनाचार्य 108 आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज में भारत सरकार द्वारा यह विश्वविद्यालय स्थापित करने
| की आशीष प्रेरणा से संचालित भा. दिग. जैन प्रशासकीय संबंधी औपचारिक घोषणा की जावेगी। इस विश्वविद्यालय | प्रशिक्षण संस्थान जबलपुर से संघ लोकसेवा आयोग में कोई भी छात्र किसी भी धर्म की समुचित ढंग की प्री. की परीक्षा में प्रविष्ट कुल 11 प्रशिक्षार्थियों से शिक्षा प्राप्त कर सकेगा। सभी धर्मों का अध्ययन में से 7 प्रशिक्षार्थी उत्तीर्ण हये हैं। जो क्रशमः इस करनेवाले छात्र एवं पढ़ानेवाले विद्वान् एक ही परिसर | प्रकार हैमें रहेंगे। परिणामतः सभी धर्मों के बीच पारस्परिक
1. राजीव गोयल, 2. सोनल गोयल, 3. प्रमेश स्नेहसंबंध विकसित होंगे और कुछ धर्मों के संबंध | जैन 4 प्रसन्न जैन. 5 शैलेष जैन. 6. अनप जैन. में फैलती धारणाएँ समाप्त हो सकेंगी।
| 7. मुकेश सोनी। यहाँ यह भी उल्लेख करना उपयुक्त होगा कि |
संस्थान डायरेक्टर श्री अजित जैन एडवोकेट मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संस्कृत शिक्षण-प्रशिक्षण के द्वारा उत्तीर्ण प्रशिक्षार्थियों को मख्य परीक्षा की तैयारियों चतर्मखी विकास की दृष्टि से उज्जैन में संस्कृत का दिशा दर्शन दिया गया एवं संस्थान अधीक्षक मकेश विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। अब मध्यप्रदेश | सिंघर्ड द्वारा बताया गया कि संस्थान में म.प्र. लोक में संस्कृत-शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए यह शीर्षस्थ एवं | सेवा आयोग की प्री. की तैयारियाँ प्रारंभ हो चुकी केन्द्रीय संस्था होगी।
हैं। संस्थान में प्रवेश जारी है। राष्ट्रीय स्तर की सभी जैन सामाजिक संस्थाओं.
एड. अजित जैन
डायरेक्टर
30 सितम्बर 2008 जिनभाषित
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