Book Title: Jinabhashita 2008 09
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 31
________________ इन्हें जानिए और लाभ लें केन्द्र एवं राज्य शासनों के द्वारा समय-समय पर | प्रस्तुत किया हो।" जनता को सुविधा प्रदान करने हेतु परिपत्र या अधिसूचनाएँ । ब- मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम से तथा जारी की जाती हैं। उनकी समुचित जानकारी के अभाव | आदेशानुसार मध्यप्रदेश शासन के स्थानीय शासन विभाग में शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाओं / व्यवस्थाओं का लाभ | के अवर सचिव एस.पी वर्मा के हस्ताक्षर से परिपत्र लेने से जन सामान्य वंचित रह जाता है। मध्यप्रदेश शासन क्रमांक ९०६/६९ मं./१८-३/९०, भोपाल दिनांक १८.५.९० के द्वारा निर्गमित तीन शासनादेशों को नीचे सूचित किया | को शासनादेश जारी हुआ था। इसमें संचालक-नगर जा रहा है। इनके आधार से मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ | प्रशासन-भोपाल, समस्त जिलाध्यक्ष एवं समस्त संभागीय के निवासी इनका सुदपयोग कर / करा सकते हैं। साथ | उपसंचालक-नगर प्रशासन-मध्यप्रदेश को विशिष्ट अवसरों ही अन्य राज्यों में स्थित व्यक्ति अपने प्रदेश में इस | पर पशवध गह बंद रखने बावत' विषय निर्देशित किया प्रकार के शासनादेशों की जानकारी प्राप्त करके जन सामान्य | है कि 'आपके क्षेत्र में स्थित समस्त स्थानीय निकायों को सुलभ कराने हेतु प्रचारित कर सकते हैं। कदाचित् | को तदनुसार उचित कार्यवाही के लिए निर्देशित करें। इस प्रकार के शासनादेश अन्य प्रान्तों में यदि वर्तमान | इस विभाग ने अपने ही पूर्व के परिपत्र क्रमांक ५६६६ में जारी नहीं किए गए हों, तो प्रबुद्ध एवं जागरुक श्रावक, || ३३० / १८ नगर / एक, दिनांक १६ अगस्त १९७१ को सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारी, राजनैतिक | निरस्त करते हुए राज्य शासन के उपर्युक्त परिपत्र के दलों से सम्बद्ध कार्यकर्ताओं से भी अपेक्षा की जाती | माध्यम से आदेशित किया है कि नीचे दिये गए विशिष्ट है कि वे इस प्रकार के शासनादेश अपने प्रदेशों में भी | अवसरों पर, स्थानीय निकायों की सीमा में स्थित समस्त निर्गमित कराने हेतु सार्थक एवं समुचित प्रयास करें। | पशुवध गृह एवं मांस बिक्री की दुकानें बंद रखी जायें। अ- मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम तथा आदेशानुसार | राज्य शासन द्वारा इस हेतु जिन १७ विशिष्ट अवसरों मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के अवर | का निर्धारण किया है, वे निम्नलिखित हैंसचिव बी.एस. वर्मा के हस्ताक्षर से परिपत्र क्रमांक/एम- | (१) गणतंत्र दिवस (२) गांधी निर्वाण दिवस (३) ३ / १५ / ८५ / १/४ भोपाल, दिनांक २ अगस्त १९८५ | महावीर जयंती (४) बुद्ध जयंती (५) स्वतंत्रता दिवस को प्रसारित किया गया था। म.प्र. शासन के समस्त | (६) गांधी जयंती (७) रामनवमी (८) डोल ग्यारस विभाग, अध्यक्ष-राजस्व मंडल-ग्वालियर, समस्त | (९) पर्युषण पर्व का प्रथम दिन (१०) पर्युषण का अंतिम संभागाध्यक्ष, समस्त विभागाध्यक्ष एवं समस्त जिलाध्यक्षों | दिन (११) अनंत अचुर्दशी (१२) जन्माष्टमी (१३) संत को 'अनंत चतुर्दशी के उपलक्ष्य में जैन धर्मावलम्बी | तारण तरण जयंती (१४) पर्दूषण पर्व में संवत्सरी व शासकीय कर्मचारियों को विशेष आकस्मिक अवकाश | उत्तम क्षमा (१५) भगवान महावीर के २५०० वें निर्वाण दिये जाने बावत्' निर्देश जारी किया गया था। । | (१६) चैती चांद एवं (१७) गणेश चतुर्थी।' उपर्युक्त परिपत्र में निर्देशित किया है कि "राज्य स- मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम तथा आदेशानुसार शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि अनंत चतुर्दशी | मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा परिपत्र पर्व के उपलक्ष्य में शासकीय सेवाओं / संस्थाओं में | क्रमांक एम-३-५ / १९९० / १/४, भोपाल, दिनांक १७ कार्यरत सभी जैन धर्मावलम्बी कर्मचारियों को विशेष | जनवरी १९९२ को निर्गमित हुआ था। इस परिपत्र के आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किया जाय। यह विशेष | अनुसार जैन कर्मचारियों को राज्य शासन के द्वारा विशेष आकस्मिक अवकाश उन्हीं कर्मचारियों को देय होगा | सुविधा प्रदान की गई है। इसमें उल्लेखित है कि 'राज्य जिन्होंने इस दिन के अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र | शासन द्वारा श्वेताम्बर एवं दिगम्बर जैन धर्मावलम्बी सितम्बर 2008 जिनभाषित 29 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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