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के प्राचार्य डॉ. श्री शीतलचन्द जैन के निर्देशन में लिखा गया | दिनांक 30.07.2006 को किया। इस संस्था का प्रयास है कि है। प्राकृत भाषा में निबद्ध 85 पृष्ठीय इस रचना को विद्वत् | सम्पूर्ण भारतवर्ष की प्रमुख प्रकाशकों की पुस्तकें शास्त्र समाज की प्रशंसा प्राप्त हो रही है।
आदि यहां के निवासियों को सहजता से मिल सकें। सौरभ कुमार जैन "जैनदर्शनाचार्य"
निर्मल कासलीवाल
मानद मंत्री आज ही मंगायें स्वतंत्रता संग्राम में जैन (प्रथम खण्ड)
कुंडलपुर के बड़े बाबा नए मंदिर में ही रहेंगे। द्वितीय संस्करण
पुरातत्त्व विभाग की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने विशेषताएँ - पूर्णतः परिवर्तित और परिवर्धित 20 जैन शहीदों,
खारिज की उ.प्र., छत्तीसगढ़ व राजस्थान के 750 जैन जेलयात्रियों, प्रसिद्ध जैन तीर्थ कुंडलपुर में बड़े बाबा मंदिर निर्माण संविधान सभा के छह जैन सदस्यों आदि का परिचय, 325 के संबंध में जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा 20 मई को पारित फोटोग्राफ व 50 रेखाचित्र, आर्ट पेपर पर छपे 528 पृष्ठ,
अंतरिम आदेश के विरुद्ध पुरातत्त्व विभाग ने सुप्रीम कोर्ट आकर्षक मुद्रण, सीमित प्रतियाँ
दिल्ली में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। 21 जुलाई प्रकाशक - सर्वोदय फाउण्डेशन, खतौली। मूल्य (लागत
को इस याचिका की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति मात्र) रू. 300/- (पुनः प्रकाशानार्थ)
एच.के. सीमा एवं ए.के. नायर की खंडपीठ ने इसे खारिज प्राप्ति स्थान - (1) डॉ. ज्योति जैन, मंत्री-सर्वोदय फाउण्डेशन,
| कर दिया है। इसी के साथ कुंडलपुर पहाड़ी के नए मंदिर में रेलवे रोड, खतौली-251201 (जिला-मजफ्फरनगर) उ.प्र.. | विराजमान बड़ेबाबा के मंदिर निर्माण का कार्य हाईकोर्ट के फोन - 01369 -27339, 941268256 । (2) श्री दि. जैन | निदेशानुसार पूरा होने का रास्ता भी र
| निर्देशानुसार पूरा होने का रास्ता भी साफ हो गया। पंच बालपति मन्दिर, बाम्बे हॉस्पिटल के पास, ए.बी.रोड, इन्दौर (म.प्र.) (3) ऋषभदेव ग्रन्थमाला, श्री दि. जैन अतिशय
तृतीय स्थापना दिवस पर शांति विधान एवं क्षेत्र मन्दिर संघीजी, पो. सांगानेर, जयपुर(राज.)0141
विद्वत्संगोष्ठी 2730390 (4) श्री दि. जैन लालमन्दिर, चाँदनी चौक, दिल्ली
जबलपुर 20 जुलाई 06 साहित्याचार्य डॉ. पं. पन्नालाल 011-23253638 (5) जैन विद्या संस्थान, श्री महावीर जी
जैन संस्थान के तृतीय स्थापना दिवस पर मुनि श्री प्रवचन (राज.)।
सागर सभागृह संजीवनी नगर जबलपुर में प्रातः बेला में सांगानेर की भगवान ऋषभदेव ग्रंथमाला का
वृहत् नवग्रह शांति विधान का आयोजन विद्वान् ब्र. प्रदीप दिल्ली के वीर सेवा मन्दिर में स्थापित हुआ विक्रय केन्द्र | शास्त्री “पीयूष" के आचार्यत्व में संपन्न हुआ।
संतशिरोमणि आचार्य विद्यासागरजी महाराज के द्वितीय सत्र में दोपहर 2 बजे से विद्वत् संगोष्ठी का आशीर्वाद एवं मुनि पुंगव श्री सुधासागरजी महाराज की पावन | आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न नगरों से आमंत्रित प्रेरणा से दिल्ली क्षेत्र के धर्मार्थी एवं साहित्यप्रेमी महानुभावों | विद्वानों ने अपने उद्बोधन प्रस्तुत किये। कार्यक्रम की की आवश्यकताओं की सहजता से पूर्ति हेतु भगवान | अध्यक्षता पं. भागचंद्र जैन “भागेन्दु" जी ने की। ऋषभदेव ग्रन्थमाला, सांगानेर ने वीर सेवा मन्दिर, दरियागंज, दिल्ली में एक एक्सटेंशन सेल काउंटर का उद्घाटन रविवार,
सुरेश जैन सरल
जो अधम मनुष्य अभिमान में चूर होकर श्रेष्ठ विचार नहीं करता, ऐसे मनुष्य का विद्वान् जन दूर से ही परित्याग कर दिया करते हैं।
The vile one who, blinded by his pride, does not engage in the sublime contemplation, is abandoned altogether by the wise.
वीरदेशना
32 अगस्त 2006 जिनभाषित
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